कोलकाता. महानगर के साइंस सिटी ऑडिटोरियम में श्वसन रोग पर तीन दिवसीय 19वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘नैपकॉन 2017’ आरंभ हुई. इस संगोष्ठी का आयोजन एसोसिएशन ऑफ चेस्ट फिजिशियन व नेशनल कॉलेज आॅफ फिजिशियन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था. इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि दिल्ली में मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात में वायु प्रदूषण की वजह से श्वसन संबंधी विकारों की बढ़ोत्तरी हुई है.
खासकर क्रोनिक आब्सट्रक्टिव पल्माेनरी डिजीज (सीओपीडी) की मुख्य वजह वायु प्रदषण है. इस अवसर पर चिकित्सकों ने हृदय, पक्षाघात, डायबिटिज व कैंसर के लिए भी सीओपीडी को जिम्मेवार बताया. इसमें 3500 चिकित्सकों ने फाइट अगेंस्ट क्रोनिक रेस्परेटरी डिजीज (सीआरडी) के तहत मिल कर इस समस्या से निपटने की शपथ ली.