कोलकाता : पश्चिम बंगाल में डेंगू की समस्या की पृष्ठभूमि में एक विशेषज्ञ का कहना है कि सामान्य ब्लीचिंग पाउडर या कीटनाशक डेंगू का खात्मा करने में प्रभावी नहीं हैं और इस बीमारी से बचने के लिए मच्छर के अंडों को खत्म करना होगा.
वरिष्ठ कीटविज्ञानी का मानना है कि डेंगू से निपटना है तो मच्छर के अंडों को खत्म करना होगा. जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिक डॉक्टर देवी शंकर सुमन ने बताया कि ब्लीचिंग पाउडर या कीटनाशक का छिड़काव डेंगू को फैलने से नहीं रोक सकता है, क्योंकि वह डेंगू मच्छरों के अंडों को नहीं मारता. इन कीटनाशकों का प्रभाव आधा घंटा या अधिकतम एक घंटे तक रहता है. यह सिर्फ मच्छरों को मारता है, अंडों को नहीं. उनका कहना है, डेंगू का प्राथमिक स्रोत उसका लार्वा है. इसलिए सबसे जरुरी अंडों को खत्म करना है.
राज्य सरकार ने डेंगू से जूझ रहे स्थानीय निकायों को ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने को कहा है. अंडों के खात्मे के लिए 24 घंटे के भीतर उन पर कीटनाशक का छिड़काव करना होता है, क्योंकि अंडों पर सुरक्षा कवच बनता है.
सुरक्षा कवच में अंडों को खत्म करने के लिए 1,000 गुना ज्यादा प्रभावी कीटनाशक की जरूरत पड़ेगी. अंडा मच्छर के जीवन चक्र का सबसे मजबूत चरण होता है.