अपने निजी काम के लिए जब वह गाड़ी का इस्तेमाल करते थे और पकड़े जाने पर उलटे नाराज हो जाते थे. एक बार तो उनके एक चालक ने कहा कि वह एक महिला हैं और महिला की तरह रहें. सुचेता ने उसे तत्काल नौकरी से निकाल दिया. वर्तमान में सुचेता की एक गाड़ी से दैनिक आय पांच हजार रुपये है. उनके पास फिलहाल सात कार है. कई अन्य ड्राइवर उनकी सहायता करते हैं.
अभी भी शारीरिक तौर पर वह अधिक सक्षम नहीं. हादसे ने उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव डाला है. लेकिन मानसिक तौर पर वह बेहद शक्तिशाली हैं. जब सुचेता ने यह करियर चुना तो उनके घरवालों ने इसका विरोध किया. लेकिन उन्होंने यह ठान लिया था कि अपनी राह उन्हें खुद चुननी होगी. वह कहती हैं कि जब तक पैसे ईमानदारी से कमाये जाये कोई भी काम गलत नहीं होता. कोलकता को अन्य भारतीय शहरों से सुरक्षित मानते हुए वह कहती हैं कि जब भी लोग उनकी कैब में बैठते हैं तो अधिकांश समय उन्हें अपनी कहानी बतानी पड़ती है.