उन्होंने कहा कि दिनोंदिन यह बीमारी मानों आम होती जा रही है और इसका कारण है लोगों में जागरूकता की कमी. उन्होंने कहा कि महिलाएं पहले ही सोच लेती हैं कि यह बीमारी लाइलाज है जबकि सही समय पर इसके इलाज से कुछ ही समय में इससे निजात पायी जा सकती है. उन्होंने कहा कि हाल ही में शहरी इलाकों में किये गये पॉप्यूलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्टरी (पीबीसीआर) रिसर्च के मुताबिक कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, भोपाल, चेन्नई एंव अहमदाबाद जैसे शहरों में 25-32 प्रतिशत महिलायें स्तन कैंसर से पीड़ित हैं.
इस अवसर पर उपस्थित प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ सुमिता गुटगुटिया ने कहा कि आज के समय में स्तन कैंसर से पीड़ित हर 25 में से 1 महिला का इलाज किया जा रहा है जबकि 25 में से 25 का इलाज होने की जरूरत है पर ऐसा नहीं हो रहा और इसका कारण है जागरूकता की कमी, इलाज का डर, बायोपसि का डर इत्यादि. उन्होंने कहा कि इस पोर्टेबल ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्शन स्कैनिंग उपकरण से बिना तकलीफ के जांच कर बताया जा सकता है कि स्तन कैंसर है या नहीं और अगर है तो किस स्टेज पर है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखा जाता है कि महिलाएं तीसरे या चौथे स्टेज पर इलाज के लिए आती हैं. इस अवसर पर सुरक्षा डायग्नोस्टिक की सीइओ रितु मित्तल व कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.