स्थिति का जायजा लेने के लिए 25 अक्तूबर को होगी बैठक
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जूट समस्या को दूर करने को राज्य सरकार तत्पर
स्थिति का जायजा लेने के लिए 25 अक्तूबर को होगी बैठक समर्थन मूल्य से भी कम कीमत पर बिक रहा है जूट जेसीआइ ने 65 लाख गांठों में से महज 28,000 गांठ खरीदी कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में जूट की स्थिति का जायजा लेने के लिए 25 अक्तूबर को एक बैठक का […]
समर्थन मूल्य से भी कम कीमत पर बिक रहा है जूट
जेसीआइ ने 65 लाख गांठों में से महज 28,000 गांठ खरीदी
कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में जूट की स्थिति का जायजा लेने के लिए 25 अक्तूबर को एक बैठक का प्रस्ताव किया है. राज्य में जूट की फसल की स्थिति ठीक नहीं है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस बैठक का नेतृत्व कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किये जाने की संभावना है. बैठक में जूट आयुक्त भी उपस्थित होंगे. यह बैठक 16 अक्तूबर को हुई मंत्री समूह की बैठक के बाद होने जा रही है.
सूत्रों ने बताया कि बैठक में खरीफ विपणन सत्र 2017-18 के लिए पाट की बोरी की खरीद की स्थिति की समीक्षा की जायेगी. एजेंडा में बाकी मुद्दों में प्रदेश में जूट की स्थिति की बात भी शामिल है.
पश्चिम बंगाल सरकार जूट मिलों और किसानों की समस्याओं के बारे में केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने का प्रयास कर रही है. प्रदेश सरकार के लिए कच्ची जूट की स्थिति गंभीर होती जा रही है. राज्य में किसानों को जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य से 700 रुपये कम कीमत पर भी इसकी बिक्री करनी पड़ी है.
प्रदेश सरकार के अनुसार भारतीय जूट निगम (जेसीआई) पश्चिम बंगाल के 171 खरीद केंद्रों में से 27 प्रत्यक्ष खरीद केंद्रों का परिचालन कर रहा है. जेसीआई ने एमएसपी के तहत प्रदेश में कुल 65 लाख गांठों के उत्पादन में से महज 28,000 गांठों की खरीद की है. केंद्र सरकार के दिसंबर 2015 से केवल कम वजन वाले जूट बैग की खरीद करने के फैसले ने प्रदेश के लिए काफी समस्यायें खड़ी की हैं.
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