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24 को भाजपा में शामिल होंगे मुकुल!

कोलकाता: मुकुल राय को भाजपा में शामिल होने को लेकर चल रही अटकलबाजी का दौर अब खत्म होने जा रहा है. सम्भवत: 24 अक्तूबर को पांच केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में मुकुल राय भाजपा का झंडा थामेंगे. उन्हें भाजपा का ध्वज बंगाल में भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय सौंपेंगे. भाजपा के अंदरखाने की खबर रखनेवालों […]

कोलकाता: मुकुल राय को भाजपा में शामिल होने को लेकर चल रही अटकलबाजी का दौर अब खत्म होने जा रहा है. सम्भवत: 24 अक्तूबर को पांच केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में मुकुल राय भाजपा का झंडा थामेंगे. उन्हें भाजपा का ध्वज बंगाल में भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय सौंपेंगे. भाजपा के अंदरखाने की खबर रखनेवालों के मुताबिक मुकुल राय को भाजपा में शामिल कराने का कार्यक्रम कोलकाता में ही होगा. इसके मार्फत बंगाल में मुकुल के भाजपा में शामिल होने पर क्या प्रतिक्रिया होती है, इसका भी आंकलन करने में भाजपा को सहूलियत होगी.
उल्लेखनीय है कि बंगाल नेतृत्व के विरोध के बावजूद केंद्रीय नेतृत्व खासकर अमित शाह की पहल पर मुकुल राय को भाजपा में शामिल करा रहा है. बंगाल भाजपा में मुकुल राय का विरोध कर रहे नेताओं का तर्क था कि एक बार पहले भी मुकुल राय ममता बनर्जी के निर्देश पर झटका दे चुके हैं. इस बार भी वह उन्हीं के निर्देश पर भाजपा में आ रहे हैं, ताकि ममता बनर्जी को बचा सकें.

इस तरह का तर्क रख कर मुकुल को रोकने का प्रयास कर रहे नेताओं को यह कहकर चुप कराया गया कि अगर ऐसा होता है, तो मुकुल को पार्टी से एक मिनट लगेगा बाहर का रास्ता दिखाने में. अमित शाह इस मामले में काफी सख्त हैं और वह नहीं चाहते कि बंगाल में ममता बनर्जी के खिलाफ भाजपा की चल रही लड़ाई में किसी भी मोर्चे पर कहीं चूक हो. लिहाजा वह काफी सोच-समझ कर कदम आगे बढ़ा रहे हैं. सब कुछ ठीक रहा, तो 24 अक्तूबर को कोलकाता में एक बड़ी सभा का आयोजन कर मुकुल राय के हाथों में भाजपा का पताका लहरायेगा.

इस मौके पर पार्टी के दिग्गज नेताओं को मौजूद रहने का निर्देश अमित शाह ने दिया है. पांच केंद्रीय मंत्रियों के अलावा मुकुल के भाजपा में शामिल होनेवाले दिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, केंद्रीय सचिव राहुल सिन्हा, बाबुल सुप्रियो, एसएस अहलुवालिया, सांसद रूपा गांगुली को खासतौर पर उक्त सभा में मौजूद रहने का निर्देश अमित शाह ने दिया है. अमित शाह को उम्मीद है कि एक दक्ष संगठक के रूप में मुकुल राय की जो स्वीकार्यता है, वह भाजपा के काम आयेगी, क्योंकि प्रदेश भाजपा में मुकुल राय के टक्कर का कोई भी संगठक नहीं है. इसके अलावा राज्य के तकरीबन 77 हजार बूथों पर मुकुल राय का कम से कम दो समर्थक तो है ही, जो उनके साथ इसे बुरे वक्त में भी हैं. लिहाजा इस हिसाब से देखने पर अकेले मुकुल राय के आने से भाजपा को एक लाख 44 हजार नये कार्यकर्ता मिलने की उम्मीद है. जाहिर-सी बात है बंगाल भाजपा के किसी भी नेता के पास इतनी बड़ी फौज नहीं है. ऐसे में मुकुल राय की अहमियत को देखते हुए भाजपा ने 24 अक्तूबर को उन्हें भाजपा में शामिल होने की मंजूरी दी है. जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा भी कर दी जायेगी. काली पूजा के बाद मुकुल राय के अगले कदम को लेकर जो अटकलें लगायी जा रही थीं, वे अब खत्म हो जायेंगी.
दीक्षा लेकर दिल्ली रवाना
कोलकाता. सोमवार को दिल्ली से कोलकाता लौटे मुकुल राय मंगलवार को अचानक फिर दिल्ली रवाना हो गये. उनके इस सफर को लेकर राजनीतिक चर्चा तेज हो गयी है. लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं. लेकिन उनके करीबी लोगों का कहना है कि सोमवार को अपने तय कार्यक्रम के तहत मुकुल राय कोलकाता पहुंचे और वहां बेलुड़ के रामकृष्ण मठ में अपने गुरु से दीक्षा लेने के बाद मंगलवार की सुबह वापस दिल्ली रवाना हो गये. उल्लेखनीय है कि रामकृष्ण मिशन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आंतरिक लगाव जग जाहिर है.

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