कोलकाता. पूर्व यादवपुर थाना क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल पर मौत के बाद शव देने से इनकार करने का आरोप लगा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार मरीज की मौत सुबह 5.45 बजे हुई, जबकि शव को शाम 4 बजे परिजनों को सौंपा गया. मृतका का नाम बिजली दोलई (24) है. छाती में संक्रमण की शिकायत पर उसे बुधवार रात 2.35 बजे अस्पताल में दाखिल कराया गया था.
अस्पताल में दाखिल कराये जाने के बाद करीब 3 घंटा 10 मिनट के बाद उसकी मौत हो गयी. वह यादवपुर इलाके के सुलेखा की रहनेवाली थी. मृतका के भाई देवव्रत मजुमदार ने बताया कि अस्पताल में दाखिल कराये जाने की बाद से ही उसकी बहन वेंटिलेशन पर थी. गुरुवार सुबह अस्पताल से फोन पर बताया कि उसकी बहन की मौत हो गयी है. मृतका के परिजन 10 बजे सुबह शव को लेने अस्पताल पहुंचे तो उन्हें कहा गया कि डेथ सर्टिफिकेट तैयार नहीं हुआ है. इसके तैयार होने के बाद ही शव को सौंपा जायेगा. इस दौरान मृतका के परिजनों को करीब एक लाख 20 हजार रुपये का बिल दिया गया.
जानकारी के अनुसार, बिजली की मौत सुबह 5.45 बजे हुई, जबकि इलाज का खर्च दोपहर के 12 बजे तक का लिया गया. काफी कहने पर खर्च छूट दी गयी. अब परिजनों को 84463 रुपये का बिल दिया गया. श्री मजुमदार का कहना हौ कि महज तीन घंटे में इलाज खर्च 84 हजार रुपया कैसे हो सकता है.
उधर, इस घटना की खबर मीडिया में आने के बाद दबाव में अस्पताल प्रबंधन ने शाम के करीब 4 बजे परिजनों को शव सौंपा. उधर, खबर लिखे जाने तक इस मामले में परिजनों ने स्थानीय थाने में किसी प्रकार की शिकायत दर्ज नहीं करायी थी.