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पहाड़ पर अटकलों का बाजार गर्म …तो पोखरा में हैं विमल गुरूंग !

सिलीगुड़ी: दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में जारी गोरखालैंड आंदोलन के बीच गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरूंग के नेपाल के पोखरा में होने की चर्चा पहाड़ पर तेज है.पिछले 100 दिनों से जारी गोरखालैंड आंदोलन के कारण पहाड़ पर बेमियादी बंद जारी है. हिंसा और आगजनी के आरोप में गोजमुमो के तमाम आला नेता या तो गिरफ्तार हो […]

सिलीगुड़ी: दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में जारी गोरखालैंड आंदोलन के बीच गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरूंग के नेपाल के पोखरा में होने की चर्चा पहाड़ पर तेज है.पिछले 100 दिनों से जारी गोरखालैंड आंदोलन के कारण पहाड़ पर बेमियादी बंद जारी है. हिंसा और आगजनी के आरोप में गोजमुमो के तमाम आला नेता या तो गिरफ्तार हो चुके हैं या भूमिगत हैं.जो नेता बचे भी हैं उनको पकड़ने के लिए राज्य पुलिस लगातार छापामारी कर रही है.

कल शुक्रवार को ही गोजमुमो के तीन आला नेता तथा केंद्रीय कमेटी के सदस्य पीटी ओला,डीके प्रधान तथा तिलक रोका को सीआईडी ने हरियाणा के गुरूग्राम से दबोचा.सीआईडी गोजमुमो महासचिव रोशन गिरि को भी दबोचना चाहती थी,लेकिन वह बच कर निकलने में कामयाब रहे. एक तरह से कहें तो अब रोशन गिरि और गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरूंग ही पुलिस पकड़ से बाहर हैं. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान आंदोलन के दौरान करीब दो दर्जन से अधिक गोजमुमो नेताओं की गिरफ्तारी हो चुकी है और विमल गुरूंग तथा रोशन गिरि को पकड़ने के लिए विभिन्न स्थानों पर छापामारी चल रही है.

ऐसे माहौल में पहाड़ पर इनदिनों विमल गुरूंग कहां हैं,इसको लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. करीब डेढ़ महीने पहले तक विमल गुरूंग अपने परिवार के साथ दार्जिलिंग के पातलेबास स्थित आवास में ही थे. इसबीच,पहाड़ पर कालिम्पोंग सहित कई स्थानों पर बम धमाके के बाद विमल गुरूंग तथा उनके कई निकट सहयोगियों पर पुलिस ने देशद्रोह के साथ ही विस्फोटक कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया. उसके बाद से विमल गुरूंग की गिरफ्तारी की आशंका तेज हो गयी थी.इसी बीच वह पूरे परिवार के साथ भूमिगत हो गये. उनकी पत्नी आशा गुरूंग के खिलाफ भी विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किये गए हैं.विमल गुरूंग और उनका पूरा परिवार कहां है,किसी को पता नहीं है. कभी उनके निकट सहयोगी रहे विनय तमांग भी पार्टी से बागी हो गये हैं. उन्होंने ही विमल गुरूंग के खिलाफ मोरचा खोल दिया है.

राज्य सरकार ने जिस जीटीए प्रशासनिक बोर्ड का गठन किया है उसका चेयरमैन विनय तमांग को ही बनाया गया है.उनके उपर भी कई मुकदमे दर्ज हैं,लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है.अबतक विनय तमांग ही विमल गुरूंग से लगातार संपर्क में रहते थे.जब से विमल गुरूंग भूमिगत हुए तब से वह विमल गुरूंग के संपर्क में ही थे.पिछले महीने 29 तारीख को नवान्न में जो बैठक हुयी थी,उसके बाद ही समीकरण बदल गया. विमल गुरूंग के साथ विनय तमांग का संपर्क भी खत्म हो गया. इसबीच,विमल गुरूंग के सिक्किम में होने की खबर मिली. इस खबर में सच्चाई भी थी. वह जब सिक्किम के नामची में गोजमुमो केंद्रीय कमेटी की बैठक कर रहे थे,तभी कालिम्पोंग पुलिस ने धावा बोल दिया. यहां करीब 9 गोजमुमो नेताओं की गिरफ्तारी हुयी,जबकि एक गोजमुमो नेता का ड्राइवर मारा गया. उस समय विमल गुरूंग पुलिस की चंगुल से बच गये थे. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विमल गुरूंग ने उसके बाद ही सिक्किम छोड़ दिया. वह कहां हैं,यह पुलिस भी नहीं बता पा रही है.

हांलाकि पुलिस को भी लगता है कि विमल गुरूंग नेपाल में हो सकते हैं.पहाड़ के लोगों का भी कुछ ऐसा ही मानना है. यही कारण है कि पहाड़ पर विभिन्न स्थानों पर इनदिनों पोस्टर लगाये गए हैं,जिसमें कहा गया है कि विमल गुरुंग पोखरा में हैं.इसके साथ विमल गुरूंग की पत्नी तथा बच्चों के आस्ट्रेलिया में होने की बात की जा रही है.दार्जिलिंग के चौक बाजार सहित विभिन्न चौक बाजार में जागरूक जनता के नाम से पोस्टर लगाकर विमल गुरूंग पर कटाक्ष किया गया है. इसमें कहा गया है कि विमल गुरूंग अपने परिवार के साथ बाहर भाग गए,रोशन गिरि भी दिल्ली में हैं. जबकि पहाड़ के लोग बंद के कारण काफी परेशान हैं.

इस मामले में किसी भी गोजमुमो नेता से बातचीत नहीं हो सकी. गोजमुमो प्रवक्ता विनिता रोका का फोन भी कई दिनों से नहीं मिल रहा है. आज भी जब उनसे बात करने की कोशिश की गयी तो फोन नहीं लगा. इस मामले में जब दार्जिलिंग के पुलिस अधीक्षक अखिलेश चतुर्वेदी से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि पहाड़ पर क्या पोस्टर लग रहे हैं,इसकी जानकारी उनके पास नहीं है.

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