इसका पहला लक्षण आम तौर पर रोग के बहुत पनपने के बाद होता है. मस्तिष्क में प्रोटीन डिपोजीशन मस्तिष्क कोशिकाओं के संकुचन का कारण बनता है. यही अल्जाइमर रोग का कारण बनता है. अल्जाइमर विस्मृति, लिंब मूवमेंट्स में समन्वय की कमी, बोलने की समस्या जैसे बोलने के दौरान सही शब्दों को खोजने और कई अन्य समस्याएं होती हैं. ये सब मिल कर रोगियों को दूसरों पर निर्भर बना देता है. यह देखा गया है कि सभी एडी रोगियों में से लगभग दो तिहाई महिलाएं हैं. डिमेंशिया से पीड़ित लोगों की संख्या लगभग हर 20 साल में दोगुनी हो जाएगी और 2040 तक दुनिया की 81.1 मिलियन आबादी इससे पीड़ित होगी. भारत, चीन, दक्षिण एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्रों में इसका विकास दर सबसे ज्यादा होगा. उन्होंने बताया कि जो लोग खुद को क्रॉसवर्ड, शतरंज और दूसरे माइंड गेम या गतिविधियों से जुड़े रखते है और जटिल कार्यों में शामिल रहते हैं, उनमें अल्जाइमर रोग होने की कम संभावनाएं होती हैं. इसलिए बीमारी को रोकने के लिए कम कार्ब आहार, व्यायाम आदि के साथ एक संतुलित जीवन शैली की आवश्यकता है.
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सावधान! फेसबुक व व्हाट्सएप का अधिक प्रयोग याददाश्त के लिए खतरा
कोलकाता: आजकल सोशल मीडिया युग में स्मार्ट फोन और सोशल नेटवर्किंग साइट का अधिक इस्तेमाल चिंता का कारण बनता जा रहा है. हम अपना बहुत समय चैट में खर्च करते है. यह गलत है. इस वजह से हमारी याददाश्त कम होती जा रही है. यह कहना है डॉ अमिताभ घोष ( निदेशक, न्यूरोलॉजी, अपोलो ग्लेनएगल्स, […]
कोलकाता: आजकल सोशल मीडिया युग में स्मार्ट फोन और सोशल नेटवर्किंग साइट का अधिक इस्तेमाल चिंता का कारण बनता जा रहा है. हम अपना बहुत समय चैट में खर्च करते है. यह गलत है. इस वजह से हमारी याददाश्त कम होती जा रही है. यह कहना है डॉ अमिताभ घोष ( निदेशक, न्यूरोलॉजी, अपोलो ग्लेनएगल्स, कोलकाता)का.
क्या कहते हैं चिकित्सक : इस संबंध में नारायणा सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल (हावड़ा) के न्यूरो चिकित्सा विभाग के सलाहकार डॉ अरिंदम दास ने बताया कि विस्मृति अल्जाइमर रोग का पहला संकेत नहीं है. यह ज्ञात स्थानों की दिशा को भूलना भी हो सकता है. अल्जाइमर रोग एक ऐसी बीमारी है, जिसका पता चल जाए तो भी इसे ठीक नहीं किया जा सकता है.
क्या कहती है रिपोर्ट : अल्जाइमर एंड रिलेटेड डिसॉर्डर सोसाइटी ऑफ इंडिया के लिए तैयार एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में लगभग 40 लाख अल्जाइमर से पीड़ित हैं. वर्तमान में भारत में करीब 40 लाख अल्जाइमर रोगी हैं और हर 20 सालों में यह संख्या दोगुनी होने की आशंका है. अल्जाइमर की संभावना उन लोगों में कम हो सकती है, जिनका दिमाग सक्रिय है. इसलिए क्रॉसवर्ड खेलना, किताबें पढ़ना, रचनात्मकता या नयी भाषा सीखना मस्तिष्क के लिए अच्छा है. लेकिन सोशल साइटों पर अधिक समय देने से नींद खराब होती है और हम चीजों को भूलने लगे हैं. खराब भोजन, अस्वच्छता और तनावपूर्ण जीवनशैली इसमें और अहम भूमिका निभाता है.
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