विमल गुरुंग पहाड़ से पलायन कर पड़ोसी राज्य सिक्किम में शरण लिये हुए हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि मीटिंग के पहले देर रात तक विमल गुरुंग अपने नेतओं के लिए कोई ऑडियो या विडियो टेप जारी नहीं कर सके. वहीं इसे लेकर मोरचा नेताओं का कहना है कि विमल गुरुंग द्वारा कोई ऑडियो-विडियो जारी नहीं किये जाने के कारण वह मंगलवार की मीटिंग में क्या करें, राज्य सरकार के किस फैसले का समर्थन करें, किसका विरोध करें, इस बारे में उन्हें कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं मिला है. इसके कारण वो असमंजस की स्थिति में हैं.
वहीं दूसरी तरफ एक अलग मोरचा नेता बताते हैं कि विमल गुरुंग खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं, इसके कारण वह फिलहाल विंद्यवाशिनी मां के जाप में मगन हैं. गोरखालैंड के आंदोलन में गोजमुमों समर्थकों का नेतृत्व करने के बजाय वह दिन भर में ग्यारह बार वह विंद्यवाशिनी मां के जाप में मौजूदा स्थिति में दिन गुजार रहे हैं. इसके कारण पार्टी के अन्य नेता आकलन लगा रहे हैं कि विमल गुरुंग की अनुपस्थिति में राज्य सरकार प्लान बी का इस्तेमाल करेगी. अर्थात विनय तमांग को जीटीए का अस्थायी केयर टेकर चेयरमैन बनाये जाने की संभावना है. साथ ही साथ जीटीए का कार्यकाल पूरा करने के सरकार चुनाव कराने के रास्ते पर चलना चाहेगी. वहीं इस पर विनय तमांग ने कहा कि हमलोग मीटिंग में शामिल होंगे, लेकिन गोरखालैंड के मुद्दा से नहीं हटेंगे.