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चिंताजनक: दक्षिण व सेंट्रल कोलकाता में डेंगू के सबसे अधिक मामले, महानगर में पांव पसार रहा डेंगू

कोलकाता : उत्तर 24 परगना के बाद अब महानगर में भी डेंगू ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. डेंगू के सबसे अधिक मामले दक्षिण व सेंट्रल कोलकाता में देखे जा रहे हैं. दक्षिण कोलकाता के में टालीगंज, यादवपुर, प्रिंस अनवर साह रोड में अधिक देखे जा रहे हैं. गौतलब है कि टालीगंज व प्रिंस […]

कोलकाता : उत्तर 24 परगना के बाद अब महानगर में भी डेंगू ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. डेंगू के सबसे अधिक मामले दक्षिण व सेंट्रल कोलकाता में देखे जा रहे हैं. दक्षिण कोलकाता के में टालीगंज, यादवपुर, प्रिंस अनवर साह रोड में अधिक देखे जा रहे हैं. गौतलब है कि टालीगंज व प्रिंस अनवर साह रोड निगम के 93 नंबर वार्ड में स्थित है. इस वार्ड से निगम के मेयर परिषद सदस्य (रोड़) रतन दे पार्षद है. एक ओर जहां निगम के मेयर परिषद सदस्य डेंगू के रोख थाम पर सड़क पर उतर कर डेंगू अभियान को चला रहे हैं, तो वहीं दूसरी तृणमूल पार्षद के वार्ड में डेंगू पांव पसार रहा है.
निगम सूत्रों के अनुसार इस घटना को लेकर अतिन घोष ने रतन दे से बात भी की है. वहीं बोरो 5 तथा सेंट्रल कोलकाता स्थित कॉलेज स्ट्रीट, सूर्य सेन स्ट्रीट तथा केशव सेन स्ट्रीट इलाके में डेंगू के मामले अधिक देखे जा रहे हैं. वहीं 93 नंबर वार्ड सह दक्षिण कोलकाता में जुलाई महीने में डेंगू के 35 मामले देखे गये थे. अगस्त में बढ़ कर 60 तक पहुंच गया है. यहीं स्थिति बोरो 5 की है. इस बोरो जून महीने में 10 तथा अगस्त 30 लोग डेंगू के चंगुल में फंसे थे. निगम के सूत्रों के अनुसार जनवरी से अगस्त तक महानगर में डेंगू के 210 मामले सामने आये हैं. निगम के बोरो 6 के रफी अहमद किदवाई रोड, इलियट रोड, एस एन बनर्जी रोड, न्यू मार्केट, नोनापुकुर इलाके में जुलाई से अगस्त तक 40 मामले सामने आये हैं. बोरो 7 के पार्क सर्कस, तिलजला, तपसिया, करया, पिकनिक गार्डेन डेंगू के चपेट में हैं. इन इलाकों में करीब 35 लोग डेंगू के चपेट में फंस चुके हैं.

बागुईहाटी : डेंगू से वृद्ध महिला की मौत
महानगर से सटे हुए विधाननगर नगर निगम क्षेत्र में डेंगू से एक वृद्ध महिला की मृत्यु हो गयी. मृतका की पहचान स्मृतिकना चौधरी (71) के रूप में हुई है. वह केष्टोपुर की प्रफुल्लकानन की रहनेवाली थी. सूत्रों के अनुसार, पिछले कई दिनों से स्मृतिकना देवी को तेज बुखार था, घर के लोगों ने उनका इलाज भी कराया, लेकिन उनका बुखार कम नहीं हुआ. इसके बाद उन लोगों ने उन्हें सोमवार को एक निजी नर्सिंग होम में दाखिला कराया, जहां जांच में उनके शरीर में डेंगू के लक्षण मिले, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. मंगलवार की देर रात नर्सिंग होम में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. वहीं, परिवार के सदस्यों ने नर्सिंग होम पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने स्मृतिकना चौधरी को सोमवार को अस्पताल में दाखिला कराया गया था, लेकिन रक्त की जांच करने में काफी देरी की गयी. मंगलवार की रात को नौ बजे के करीब चिकित्सकों को उनके खून की जांच रिपोर्ट मिली थी. इसके बाद चिकित्सकों ने डेंगू का इलाज शुरू किया, लेकिन देर रात उनकी मौत हो गयी.
गत जुलाई व अगस्त महीने में महानगर में डेंगू के मामलें तेजी से बढ़ा है. इसे देखते हुए निगम द्वारा चलाये जानेवाले डेंगू अभियान को तेज कर दिया गया है. डेंगू के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए पूजा की छुट्टी के दौरान निगम के सभी डेंगू क्लीनिक को खुला रखा जायेगा. पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस वर्ष डेंगू को नियंत्रण में रखने में हम सफल रहे हैं.
अतिन घोष, मेयर परिषद सदस्य( स्वास्थ्य) , कोलकाता नगर निगम.

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