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मौत के करीब पहुंची बच्ची को मिली जिंदगी

कोलकाता: मेडिका सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के चिकित्सकों ने एक कन्या शिशु को मौत के मुंह से निकाल पर नया जीवन प्रदान किया. बच्ची जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी. वह मिदनापुर जिले की रहने वाली है. उसके पिता सरकारी कर्मचारी है. जानकारी के अनुसार, बच्ची 15 अगस्त की सुबह सात बजे अपने घर […]

कोलकाता: मेडिका सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के चिकित्सकों ने एक कन्या शिशु को मौत के मुंह से निकाल पर नया जीवन प्रदान किया. बच्ची जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी. वह मिदनापुर जिले की रहने वाली है. उसके पिता सरकारी कर्मचारी है. जानकारी के अनुसार, बच्ची 15 अगस्त की सुबह सात बजे अपने घर के पास खेल रही थी.

वहां एक कार खड़ी थी, जिसके पीछे बच्ची खेल रही थी. चालक द्वारा कार स्टार्ट करते ही बच्ची पिछले पहिये के नीचे आ गयी. वह बेहोश हो गयी. उसके सिर से लगातार खून बह रहा था. उसे तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. प्राथमिक उपचार के बाद उसे वेंटिलेशन पर रखा गया. हालत बिगड़ती देख डॉक्टरों ने उसे मेडिका स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की इमरजेंसी यूनिट में शिफ्ट करवा दिया. उसे ट्रॉमा एबुलेंस से वेंटिलेशन पर मेडिका लाया गया.

यहां बच्ची की चिकित्सा के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया जिसमें डॉ अशोक मित्तल, सीनियर कन्सलटेंट व डायरेक्टर, पीडियाट्रिक्स एवं नियोनेटोलॅाजी, डॉ सैमुअल वडेस्वरम, कन्सलटेंट-पीडियाट्रिक इन्टेंसिविस्ट समेत अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों को शामिल किया गया.
सिर से लगातार बह रहा था खून हड्डी कई जगह से गयी थी टूट
अस्पताल के वाइस चेयरमैन, मेडिका इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिजीज के निदेशक एवं सीनियर कन्सलटेंट न्यूरो व स्पाइन सर्जन डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि बच्ची के सिर से काफी खून बह रहा था. खून रोकना हमारे लिए बड़ा काम था. उसे संक्रमण से बचाना भी हमारे लिये चुनौती थी. चोट इतनी गंभीर थी की बच्ची के मस्तिष्क का तरल पदार्थ बाहर निकल रहा था. सीटी स्कैन की रिपोर्ट भी बता रही थी कि उसके सिर की हड्डी कई जगह से टूट गयी है. मस्तिष्क के बायें हिस्से को भी भारी नुकसान पहुंचा है. यूरो और प्लास्टिक सर्जन की टीम ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया. सर्जरी काफी कठिन थी. हालांकि, सर्जरी के बाद बच्ची अब स्वस्थ है. अब अपनी आंखें भी खोल रही है. अपने पिता व परिवार के अन्य सदस्यों को पहचान भी रही थी. इस बच्ची को बचाना हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा.
बच्ची का सफल ऑपरेशन करना डॉक्टरों का लक्ष्य था. हमारे डॉक्टरों ने अपना 100 फीसदी दिया. बच्ची के इलाज में प्लास्टिक सर्जन विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिससे उसे नया जीवन मिला. उम्मीद है कि यह बच्ची भविष्य में भी स्वस्थ रहेगी.
डॉ. आलोक रॉय, चेयरमैन (मेडिका
अस्पताल समूह)

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