हालांकि इस योजना के तहत जिले के बहुत से किसानों ने अपना पंजीकरण नहीं कराया है. ऐसे किसान लाभ प्राप्त करने से वंचित रह गये. यदि इन लोगों ने निर्धारित समय पर वांछनीय कागजात संबंधित कार्यालय में जमा किये होते तो उन्हें भी इसका लाभ मिल सकता था. बंगाल फसल बीमा योजना के जिला नोडल अफसर श्रीकांत सिन्हा ने बताया कि अगस्त में आयी बाढ़ में लाख से अधिक किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं.
बीमा की शर्तों के मुताबिक जिस इलाके में 50 प्रतिशत से अधिक फसलें नष्ट हो गयी हैं, वहां के किसान इसका लाभ उठाने के हकदार हैं. बाढ़ के कारण जिले की 98 ग्राम पंचायतों में से 86 पंचायतों की फसलें बाढ़ में बह गयी हैं. बाढ़ से हुए नुकसान का सरकारी आकलन चल रहा है. सरकार द्वारा अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ पहुंचाने का प्रयास शुरू कर दिया है. चालू वर्ष के नवंबर तक किसानों को बीमा राशि का भुगतान किये जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है.