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मानस ने दिया कांग्रेस के विधायक पद से दिया इस्तीफा

कोलकाता. कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ मानस रंजन भुईंया ने सोमवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा की प्रति विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को सौंपी. इसके साथ ही डॉ भुईंया व उनकी पत्नी गीता भुईंया ने अखिल भारतीय कांग्रेस […]

कोलकाता. कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ मानस रंजन भुईंया ने सोमवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा की प्रति विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को सौंपी. इसके साथ ही डॉ भुईंया व उनकी पत्नी गीता भुईंया ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया. डॉ भुईंया को तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए प्रत्याशी बनाया है. डॉ भुईंया तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में बुधवार को अन्य प्रत्याशियों के साथ नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. इस्तीफा देने के बाद डॉ भुईंया ने कहा कि वह 1982 से केवल एक कार्यकाल 1996 छोड़ कर लगातार विधानसभा के सदस्य रहे हैं.

आज उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि वह रविवार को अपने विधानसभा क्षेत्र सबंग गये थे. सबंग की जनता से भी अनुमति ले ली है. उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था और वाममोरचा को पराजित किया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें सिंचाई मंत्री भी बनाया था, लेकिन कांग्रेस के विवादित निर्णय की वजह से उन्हें 22 सितंबर, 2012 को इस्तीफा देना पड़ा. हाल के दिनों में कांग्रेस के नेताओं ने उनके साथ जैसा व्यवहार किया और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने उन पर भरोसा जताया. उस समय कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं की भूमिका भी सही नहीं रही. कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने उन्हें निलंबित किया था, लेकिन आज उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें राज्यसभा के लिए प्रत्याशी बनाया गया है. वह केंद्र में बंगाल की मांगों को उठाते रहेंगे.

26 को नामांकन पत्र दाखिल करेंगी शांता छेत्री : पूर्व विधायक शांता छेत्री 26 जुलाई को राज्यसभा के लिए तृणमूल कांग्रेस की प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करेंगी. शांता छेत्री सोमवार को विधानसभा पहुंचीं. उन्होंने उत्तर बंगाल विकास परिषद सहित पांच कमेटियों से सोमवार को इस्तीफा दे दिया. उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है.
छठवें उम्मीदवार की घोषणा में जल्दबाजी नहीं करना चाहती तृणमूल : तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की छह राज्यसभा सीटों में से पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर चुकी है. हालांकि छठवां उम्मीदवार तय करने में तृणमूल कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती. वह माकपा और कांग्रेस का रूख देखना चाहती है. तृणमूल सूत्रों के अनुसार, यदि माकपा और कांग्रेस अलग-अलग उम्मीदवार उतारती हैं, तभी पार्टी द्वारा छठवां प्रत्याशी उतारा जायेगा. इस संबंध में तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमने राज्यसभा सांसद के लिए पांच उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. हमें उम्मीद है कि हमारे सभी उम्मीदवार विजयी होंगे. लेकिन छठवां उम्मीदवार उतारने से पहले हम कांग्रेस और माकपा के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
यदि दोनों पार्टियां संयुक्त उम्मीदवार उतारती हैं तो हम छठवीं सीट के लिए कोई प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. लेकिन अलग-अलग उम्मीदवार उतारने पर तृणमूल भी अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी.
गौरतलब है कि अगस्त महीने में बंगाल की छह राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होगा. इसके लिए तृणमूल ने पांच उम्मीदवारों के नाम की घोषणा पहले ही कर दी है जिसमें शांता छेत्री, डोला सेन, डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु शेखर राय और मानस भुईंया का नाम शामिल है. बता दें कि उक्त छह सीटों में से तृणमूल के पास चार और माकपा एवं कांग्रेस के पास एक-एक सीट है. तृणमूल पांच सांसदों को अपने दम पर जीता सकती है. तृणमूल के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है, जिसके विधानसभा में 44 विधायक हैं. लेकिन कांग्रेस के आठ विधायकों ने तृणमूल का दामन थाम लिया है. इससे इनकी संख्या घटकर 36 हो गयी है. माकपा विधायकों की संख्या 34 है. एक राज्यसभा सांसद को जीताने के लिए 43 विधायक के वोट की जरूरी होती है.

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