Advertisement
उत्तर दिनाजपुर में दम तोड़ने के कगार पर कांग्रेस
रायगंज. प्रियरंजन दासमुंशी व दीपा दासमुंशी के गढ़ में कांग्रेस कंगाली के कगार पर पहुंच चुकी है. पार्टी कार्यकर्ताओं में इधर जाऊं या उधर जाऊं की होड़ सी मची है. एक समय था जब कांग्रेस पार्टी का उत्तर दिनाजपुर जिला नेतृत्व प्रदेश ही नहीं, केंद्रीय स्तर पर पार्टी के संचालन में अहम भूमिका निभाता था. […]
रायगंज. प्रियरंजन दासमुंशी व दीपा दासमुंशी के गढ़ में कांग्रेस कंगाली के कगार पर पहुंच चुकी है. पार्टी कार्यकर्ताओं में इधर जाऊं या उधर जाऊं की होड़ सी मची है. एक समय था जब कांग्रेस पार्टी का उत्तर दिनाजपुर जिला नेतृत्व प्रदेश ही नहीं, केंद्रीय स्तर पर पार्टी के संचालन में अहम भूमिका निभाता था. प्रियरंजन दासमुंशी का नाम इस दृष्टि से उल्लेखनीय है.
प्रियरंजन का गृह जिला उत्तर दिनाजपुर कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन उनके अचानक बीमार पड़ जाने के कारण 2009 से उनकी विरासत को अक्षुण्ण रखने में जिले ने कोई कसर नहीं रखीं. यहां तक कि प्रियदा के बाद उनकी पत्नी दीपा रायगंज की सांसद भी रहीं. 2011 में पश्चिम बंगाल में राजनीतिक परिदृश्य परिवर्तित हुआ. तृकां को सत्ता तक पहुंचाने में कांग्रेस ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन कुछ ही अरसे के बाद तृकां व कांग्रेस में संबंध विच्छेद हो गया एवं इसका आक्रामक रूख इस जिले में देखा गया. बात यहां तक बिगड़ गयी कि रायगंज के पानीशाला में प्रायोजित व केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित एम्स स्थापना पर ग्रहण लग गया. जिला कांग्रेस ने इसे भरपूर उछाला और तृकां नेत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री को सीधे चुनौदी दे डाली.
बाद में मामला इतना तल्ख हुआ कि दीपा विगत विधानसभा चुनाव में सीधे ममता बनर्जी को टक्कर देने पहुंच गयीं. तृणमूल इस बीच कांग्रेस को तोड़ने में लग गयी. पहले विधायक गुलाम रब्बानी फिर इसलामपुर के विधायक कन्हैया लाल अग्रवाल को तृणमूल में शामिल किया. दालखोला नगरपालिका, उत्तर दिनाजपुर जिला परिषद, कालियागंज नगरपालिका, इस्लामपुर नगरपालिका से कांग्रेस को हटाकर कमर तोड़ दी गयी. यहां तक कि कुछ दिनों पहले हुए रायगंज नगरपालिका चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस के जिला सचिव संदीप विश्वास एवं उनके समर्थकों को तृकां में शामिल कर रायगंज नपा बोर्ड को अपने कब्जे में ले लिया.
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के वर्तमान जिला सचिव 26 जुलाई को चोपड़ा में आहूत भाजपा की जनसभा में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं. इसके पूर्व कालियागंज नपा के पूर्व अध्यक्ष जो विगत 22 वर्षों तक सत्तासीन रहे, तृकां में शामिल होने जा रहे हैं. 21 जुलाई को कोलकाता में आयोजित होनेवाली शहीद दिवस सभा के दौरान तृकां का दामन थामेंगे.
कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व की भूमिका से खफा पार्टी के जिलाध्यक्ष व रायगंज के विधायक मोहित सेनगुप्त भी अनमने लग रहे हैं. प्रदेश के कांग्रेस नेतृत्व व विधायक जिस प्रकार से पार्टी छोड़कर पलायन कर रहे हैं इससे दीपा दासमुंशी भी असमंजस में पड़ गयी हैं. जिले का कांग्रेस नेतृत्व या पलायन करने की तैयारी में है या फिर किसी दूसरी पार्टी का हाथ थामने की तैयारी में. पार्टी नेतृत्व को भागते देख निचले स्तर के कार्यकर्ता हर दिन काफी संख्या में पार्टी बदल रहे हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement