भारी वजन होने की वजह से बारी-बारी से कांवर कांधे पर लाते हैं. टोली में शामिल युवकों में कोई बिजनेस करते हैं तो कई पढ़ाई. सावन आने के एक माह पहले से ही सभी बाबाधाम आने की तैयारी कर लेते हैं.
बाबा की कृपा से यात्रा में कोई कठिनाई नहीं होती है. टोली में शामिल युवकों में अाकाश दास, राजेश दास, राम भाई, विकास दास, राकेश दास, सोनू दास, सूरज दास, विजय दास, राहुल दास आदि थे.