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रणक्षेत्र बना कोलकाता का आरजी कर अस्पताल

बादुड़िया हिंसा में मृत कार्तिक घोष को देखने पहुंचे भाजपा नेताओं पर हमला, बवाल दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पिटाई तृणमूल समर्थकों पर अस्पताल को कब्जे में लेने का आरोप कैलाश िवजयवर्गीय, राहुल सिन्हा, दिलीप घोष व लॉकेट चटर्जी को अस्पताल में जाने से रोका, कहे अपशब्द कोलकाता : बीते दिनों बादुड़िया हिंसा में घायल कार्तिक […]

बादुड़िया हिंसा में मृत कार्तिक घोष को देखने पहुंचे भाजपा नेताओं पर हमला, बवाल
दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पिटाई
तृणमूल समर्थकों पर अस्पताल को कब्जे में लेने का आरोप
कैलाश िवजयवर्गीय, राहुल सिन्हा, दिलीप घोष व लॉकेट चटर्जी को अस्पताल में जाने से रोका, कहे अपशब्द
कोलकाता : बीते दिनों बादुड़िया हिंसा में घायल कार्तिक घोष की गुरुवार को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में मौत हो गयी. वहीं, आरोप है कि अस्पताल में उसे देखने पहुंचे प्रदेश भाजपा के नेताओं पर तृणमूल समर्थकों ने हमला किया. इतना ही नहीं, तृणमूल समर्थकों ने अस्पताल पर भी कब्जा कर लिया था. कार्तिक घोष की मौत के बाद आरजी कर अस्पताल रणक्षेत्र बन गया. भाजपा और तृणमूल कार्यकर्ताओं के आक्रमक तेवर से जहां रोगी व उनके परिजनों में अफरातफरी मच गयी. वहीं, अस्पताल पर तृणमूल समर्थकों ने कब्जा कर लिया. गेट बंद कर अंदर तो वे थे ही, बाहर भी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से गाली-गलौच और धक्कामुक्की करते नजर आये. आलम यह था कि अपने समर्थक कातिर्क घोष के अंतिम दर्शन करने व उसके परिजनों से मिलने पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, पार्टी के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, लाकेट चटर्जी, राहुल सिन्हा जैसे दिग्गज नेताओं को भी अपमानित होकर लौटना पड़ा.
क्या है घटना : घटना की शुरुआत उस वक्त हुई, जब सुबह 11 बजे के करीब लोगों को खबर मिली कि बादुड़िया हिंसा में गंभीर रूप से घायल कार्तिक घोष की आरजी कर अस्पताल में मौत हो गयी है.
इसके बाद भाजपा, आरएसएस, बजरंग दल के लोग अस्पताल के सामने जुटने लगे. तब तक भारी संख्या में पुलिसकर्मी भी वहां पहुंच गये. इधर, भाजपा कार्यकर्ताओं के अस्पताल पहुंचने की खबर पाते ही तृणमूल भी हरकत में आ गयी. भारी संख्या में स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गये. तृणमूल के एक स्थानीय नेता ने बताया कि उन्हें डर था कि कहीं मृतक का शव लेकर भाजपा जुलूस निकाल कर उत्तेजना न फैला दे. इसलिए वे लोग वहां पहुंच गये.
भाजपा व तृणमूल के कार्यकर्ता जब अस्पताल के सामने जुटे, तो वहां पहले से ही बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात थी. इस बीच, तृणमूल के लोग अस्पताल परिसर से भाजपा कार्यकर्ताओं को खदेड़ने लगे.
इस बीच, विकास सिंह और पंकज सिंहानिया नामक दो भाजपाई विरोधियों के हत्थे चढ़ गये. भाजपा विरोधी उन्हें खींचकर अस्पताल के अंदर लेकर चले गये. इसी बीच, कैलाश विजयवर्गीय और दिलीप घोष के नेतृत्व में भाजपा नेताओं का काफिला अस्पताल के सामने पहुंचा. उस वक्त स्थिति और तनावपूर्ण हो गयी.
गाड़ी से उतर कर जैसे ही भाजपा नेता अस्पताल के अंदर जाना चाहे, पुलिस ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया. तब तक भाजपा नेताओं का विरोध कर रहे लोग पुलिस का घेरा तोड़कर भाजपा नेताओं पर हल्ला बोल दिया.
आरोप है कि गाड़ी पर लात-मुक्के बरसाते हुए विरोधी भाजपा नेताओं को पुलिस से छीन लेना चाहते थे. इस बीच, कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ अपशब्द कहते हुए एक गुट उनकी ओर लपका, लेकिन भाजपा के युवा नेता रितेश तिवारी के नेतृत्व में भाजपा समर्थक उनसे भिड़ गये. हालात बेकाबू होती देख पुलिस ने किसी तरह से स्थिति को काबू में किया. बाद में पुलिस के आग्रह पर भाजपा नेता बगैर मृतक के परिजनों से मिले वापस लौट गये.

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