तितास का आरोप है कि पहले पुलिस कर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार कर झूठे आरोप में फंसाने का डर दिखाया. इसके बाद उन्होंने जब थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करायी तो पुलिस ने उसकी जांच तक शुरू नहीं की है. अारोपी पुलिसवालों के खिलाफ जो उन्होंने एफआइआर दर्ज कराया है, उस मामले में सच्चाई जानने के लिए अब तक उनका बयान तक दर्ज नहीं किया गया. इस कारण उन्हें संदेह है कि पुलिस दोषी पुलिस कर्मियों को बचाने की कोशिश में जुटी है. इसलिए उन्होंने जल्द अदालत में आवेदन करने का मन बनाया है.
गौरतलब है कि 28 जून की रात प्रिंसेप घाट के पास शौच करने को लेकर दो पुलिसवालों ने दोनों युवतियों को अपशब्द कहा था. विरोध करने पर झूठे मामले में फंसाने की धमकी भी दी थी. बाद में नशे में पुलिस वालों से बदसलूकी करने का आरोप लगाकर दोनों को गिरफ्तार भी कर लिया था.