कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि दार्जीलिंग हिंसा के पीछे बड़ी गहरी साजिश है. शनिवार को नवान्न में मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में पहाड़ से जो बम व हथियार बरामद हो रहे हैं, वे एक दिन में जमा नहीं हुए, बल्कि लंबे समय से उन्हें जमा किया गया था. हथियार बाहर से लाये जा रहे हैं. दार्जीलिंग में अंतरराष्ट्रीय सीमा व कई राज्यों की सीमाएं हैं. वे पुलिसवालों पर बम फेंक रहे हैं. वहां अवैध रूप से हथियार व बम इकट्ठा किये जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखा जनमुक्ति मोरचा अदालत की बात को भी नहीं मान रहा है. अदालत ने उसके बंद को अवैध घोषित कर दिया है. पर वे अदालत की बात मानने के बजाय हथियार व बम चला रहे हैं. गुंडागर्दी की जा रही है. पत्रकारों पर भी हमले हो रहे हैं. उन्हें काम करने से रोका जा रहा है, ताकि वे पहाड़ की सही तसवीर दुनिया को न दिखा सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि मोरचा राजनीतिक दल के नाम पर गुंडागर्दी कर रहा है. हद तो यह है कि राष्ट्रीय झंडा लेकर मोरचा समर्थक हिंसा कर रहे हैं.
विदेशी पर्यटकों को परेशान किया जा रहा है. हम लोगों ने काफी पर्यटकों को सुरक्षित पहाड़ से निकाला है, पर अब भी बड़ी संख्या में पर्यटक वहां मौजूद हैं. सुश्री बनर्जी ने कहा कि मोरचा समर्थक चिकित्सा केंद्र व पंचायत दफ्तरों में आग लगा रहे हैं. जलापूर्ति बाधित की जा रही है. परिवहन व्यवस्था, स्कूल, कॉलेज, दफ्तर आदि बंद किये जा रहे हैं. अगर ऐसा चलता रहा, तो हम दार्जीलिंग तक राशन कैसे भेजेंगे. वहां के लोग खाना कैसे खायेंगे. हम लोगों ने केंद्र के साथ मिलकर जीटीए बनाया. पांच वर्ष तक उन्होंने पद का मजा लिया. अब जब चुनाव का समय आया है, तो वे हंगामा कर रहे हैं. मैं केंद्र सरकार से अपील करूंगी कि वे इन लोगों को सहारा न दें. अगर किसी विदेशी पर्यटक को कुछ हो गया, तो देश की बदनामी होगी. मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि यह एक गहरी साजिश है. पुलिस व केंद्रीय सशत्र बलों पर हमले किये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें रिपोर्ट मिली है कि दार्जीलिंग हिंसा के पीछे विदेशी शक्ति का हाथ है. इसके साथ ही उत्तर-पूर्व का एक आतंकवादी संगठन भी यहां हिंसा फैलाने में मोरचा की मदद कर रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को इस बात की जानकारी है कि मोरचा के पास इतना रुपये व हथियार कहां से आ रहे हैं.
सुश्री बनर्जी ने कहा कि मेरी पहाड़वासियों से अपील है कि वे शांति बनाये रखें. विमल गुरुंग झूठा व भ्रष्ट नेता है. उसकी बात न सुनें. अगर पर्यटक दार्जीलिंग नहीं जायेंगे, तो आपलोगों का रोजगार कैसे चलेगा. आप लोग भी देश के विभिन्न हिस्सों में रहते हो. अगर यही स्थिति बनी रही, तो काफी नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि मोरचा जिस तरह की हरकत कर रहा है, वैसा कोई राजनीतिक दल नहीं, बल्कि आतंकवादी करते हैं. उत्तर-पूर्व के आतंकी संगठन के साथ सांठगांठ की खबर हमें मिली है. कुछ विदेशी ताकत भी उनकी मदद कर रहे हैं. विमल गुरुंग अपने फायदे के लिए पहाड़ को बेचने का प्रयास कर रहा है.
पुलिस ने नहीं की फायरिंग : मोरचा आरोप लगा रहा है कि पुलिस फायरिंग में उसके दो समर्थकों की मौत हो गयी है, पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस आरोप का खंडन किया है. नवान्न में संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस ने फायरिंग नहीं की, बल्कि मोरचा समर्थक पुलिसवालों पर बम व हथियार से हमले कर रहे हैं. इसमें कई पुलिसवाले घायल हो गये हैं. सुश्री बनर्जी ने कहा कि पहले हमें यह खबर मिली थी कि मोरचा समर्थकों ने आइआरबी के एक असिस्टेंट कमांडेंट किरण तामांग की खुखरी से हत्या कर दी है. पर जांच के बाद पता चला कि मौत की खबर सही नहीं है. खुखरी के हमले में वह बुरी तरह घायल हुए हैं, पर उनकी मौत नहीं हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मोरचा समर्थक केंद्रीय बलों पर भी हमला कर रहे हैं. गोजमुमो के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू किये जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें किसी से बात करने में कोई आपत्ति नहीं है. पर उसके लिए पहले बंद वापस लेना होगा. स्थिति को सामान्य बना कर शांति स्थापित करनी होगी. उसके बाद अगर कोई लोकतांत्रिक तरीके से बातचीत के लिए आता है, तो सरकार भी विचार करेगी. त्रिपक्षीय बातचीत की संभावना के बारे में पूछे जाने पर सुश्री बनर्जी ने कहा कि राजनीतिक दलों के बीच त्रिपक्षीय नहीं, द्विपक्षीय बातचीत होती है. केंद्र, राज्य व जीटीए के बीच तो कई बार त्रिपक्षीय बातचीत हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक दल लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करते हैं, वे हंगामा व गुंडागर्दी नहीं करते हैं.