यह कपड़ा बाजार की वर्तमान स्थिति के अनुरूप नहीं है और अव्यावहारिक है. इसे वापिस लिया जाना चाहिए. श्री जैन ने कहा, कोट्टी ने अपने सभी सदस्यों से राय मशविरे के बाद बंद के आह्वान को लेकर अपने सभी समर्थित संस्थाओं को सर्कुलर जारी किया था, जिसे व्यापक जनसर्मथन मिला. बड़ाबाजार, राममंदिर, धर्मतल्ला, न्यू मार्केट, ग्रांट स्ट्रीट, बैंटिक स्ट्रीट, मटियाबुर्ज के प्रमुख कपड़ा बाजार तो बंद रहे.
इसके अलावा रानीगंज, बांकुड़ा, आसनसोल में भी कपड़ा बाजार बंद रहने की खबर है. कोट्टी के अध्यक्ष अरुण भुवालका ने बंद में शामिल रहनेवाले सभी कपड़ा मार्केट और संस्थाओं के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि यह बंद जीएसटी के विरोध में हमारा एक प्रतिवाद है.
हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इस पर गंभीरतापूर्वक विचार करेगी. कोट्टी के पूर्व अध्यक्ष मुरारीलाल खेतान, विजय कुमार विनयाकिया, वर्तमान उपमंत्री देवेंद्र बोथरा, कोषाध्यक्ष अनिल निहारिया, कार्यकारिणी सदस्य ओम प्रकाश पोद्दार ने बंद के बाद एक बार फिर अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि हम जीसएटी के पक्ष में बिल्कुल नहीं है, क्योंकि इसके लागू हो जाने से कपड़े बाजार पर बहुत बुरा असर पड़ेगा. इसी बीच आज कोट्टी के पदाधिकारियों ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार से भी इस विषय में मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा. श्री गंगवार ने कोट्टी के पदाधिकारियों की बातों को गौर से सुना और आश्वासन दिया कि वे इस पर आवश्यक पहल करेंगे.