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राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित हुए
गुड न्यूज. 15 वर्षों के सेवाकाल में डॉ सौमित्र मोहन ने हासिल की बुलंदियां विधानसभा चुनाव में सर्वश्रेष्ठ चुनाव प्रबंधन के लिए किये गये सम्मानित राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिला मानपत्र, ट्रॉफी, 50 हजार की नगद राशि तीन जिलों में डीएम के बतौर सेवा के दौरान हासिल किये पांच राष्ट्रीय अवार्ड आसनसोल : बर्दवान के […]
गुड न्यूज. 15 वर्षों के सेवाकाल में डॉ सौमित्र मोहन ने हासिल की बुलंदियां
विधानसभा चुनाव में सर्वश्रेष्ठ चुनाव प्रबंधन के लिए किये गये सम्मानित
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिला मानपत्र, ट्रॉफी, 50 हजार की नगद राशि
तीन जिलों में डीएम के बतौर सेवा के दौरान हासिल किये पांच राष्ट्रीय अवार्ड
आसनसोल : बर्दवान के जिला शासक डॉ सौमित्र मोहन ने देश के 716 जिलों को पीछे छोड़ते हुए वर्ष 2016 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सर्वश्रेष्ठ चुनाव प्रबंधन का राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त कर राज्य सहित बर्दवान जिला का नाम पूरे देश में रोशन किया.
बुधवार को दिल्ली में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने डॉ मोहन को बर्दवान जिला में सर्वश्रेष्ठ चुनाव प्रबंधन के लिए मानपत्र, ट्रॉफी और 50 हजार नगद राशि देकर सम्मानित किया. जिलाशासक डॉ मोहन ने इसका श्रेय जिले की पूरी टीम को दिया. डॉ मोहन ने तीन जिलों में जिलाशासक के बतौर कार्यकाल में पांच राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया.
वर्ष 2002 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के अधिकारी रहे डॉ मोहन ने जिलाशासक के रुप में सबसे पहले विरभूम जिले में योगदान किया. वर्ष 2011 में सर्वश्रेष्ठ चुनाव प्रबंधन का पहला राष्ट्रीय अवार्ड उन्हें इसी जिले में मिला. वर्ष 2012 डॉ मोहन को केंद्रीय गृह मंत्नालय ने विरभूम जिले में पोस्तु की खेती नष्ट करने के लिए राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित किया. सनद रहे कि पोस्तु से ही अफीम जैसी नशीली सामग्री का उत्पादन होता है.
वर्ष 2013 में उन्हें दार्तिलिंग जिला में जिलाशासक के रूप में मनरेगा को बेहतर रूप से पूरे जिले में लागू करने के लिए तीसरा राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुआ. बर्दवान जिले के कोयलांचल इलाके में मनरेगा पूरी तरह से विफल था. उस क्षेत्न में मनरेगा के बेहतर क्रि यान्वन के लिए पूरे देश में डॉ मोहन ने अपने कार्यशैली का लोहा मनवाया और वर्ष 2015 में उन्हें चौथा राष्ट्रीय अवार्ड मिला. पश्चिम बंगाल में 2016 की विधानसभा चुनाव को लेकर पूरे देश की नजर राज्य पर टिकी थी. प्रशासनिक अधिकारियों पर चुनाव आयोग की कड़ी नजर थी. कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हुयी. इसके बावजूद डॉ मोहन ने अपनी कार्यशैली की दक्षता को पुन: साबित किया और पूरे देश में 716 जिलों को पछाडते हुए उन्होंने बर्दवान जिला को बेहतर चुनाव प्रबंधन केटेगरी में पहला स्थान दिलाकर पांचवी बार राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त कर नया इतिहास रच दिया.डॉ मोहन की पत्नी श्वेता गुप्ता ने कहा कि उन्हें अपने पति पर गर्व है.
वे प्रतिदिन सुबह साढ़े तीन बजे उठते है और पांच बजे अपने घर के कार्यालय में चले जाते है. लंबित कार्य को अभी पूरा करने की उनकी बहुत पुरानी आदत है. जिसके बदौलत अन्य अधिकारी और कर्मचारी को अप-टू-डेट रहना पडता है ,जिससे पूरा जिला अप-टू-डेट रहता है. किसी भी शिकायत के समाधान किये बगैर वे चैन की सांस कभी नहीं लेते. उनके पास हर समस्या का तत्काल समाधान करना ही उनकी सफलता का मूल मंत्न है.
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