आसनसोल : रेलवे बोर्ड की यात्री परिसेवा समिति की सदस्य मनीषा चटर्जी तथा रामानंद त्रिपाठी ने आसनसोल रेल मंडल अंतर्गत कुल्टी एवं बराकर स्टेशनों पर यात्री परिसेवा का जायजा लिया.
सदस्यों ने कुल्टी एवं बराकर स्टेशनों के निरीक्षण के क्रम में प्लेटफॉर्म में पेय जल की व्यवस्था, सीलिंग पंखों की व्यवस्था, स्टेशन परिसर में सफाई, टिकट काउंटर की स्थिति की जांच की एवं यात्रियों से इन सेवाओं के बारे में बातचीत की. समिति के सदस्य शुक्रवार को आसनसोल रेल मंडल अंतर्गत दुर्गापुर एवं अंडाल स्टेशनों में यात्री परिसेवाओं की जांच करने जायेंगे.
बराकर प्रतिनिधि के अनुसार समिति सदस्यों ने बराकर स्टेशन का निरीक्षण कर रेल यात्रियों से उनकी असुविधा की जानकारी ली. उनके साथ जेडआरयूसीसी के सदस्य महावीर शर्मा तथा सहायक महाप्रबंधक एके राय आदि भी थे. रेलयात्रियों ने उन्हें बताया कि स्टेशन परिसर के बाहर एवं अंदर यात्रियों के बैठने की सुविधा नहीं है. विश्रमघर भी नहीं है.
स्टेशन के बाहर पेयजल की सुविधा नहीं है. समिति सदस्यों ने प्लेटफॉर्म में छह सीलिंग पंखा अतिरिक्त लगाने का निर्देश दिया. बराकर स्टेशन के बाहर पूछताछ केंद्र पर डिस्पले लगाने को कहा. आरक्षण केंद्र में दो खिड़की है. लेकिन उनमें से एक ही खुली मिली.
दोनों को खोलने को कहा गया. स्थानीय रेल अधिकारी ने बताया कि पिछले दो माह में किसी प्रकार की शिकायत पुस्तिका में दर्ज नहीं हुयी है. जबकि यात्रियों का आरोप था कि मांगने पर भी शिकायत पुस्तिका नहीं दी जाती है. शौचालय की कमी पायी गयी. बराकर चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव शिवकुमार अग्रवाल, संतोष दीवान, मिठू माधेगोड़िया आदि उपस्थित थे.
कुल्टी प्रतिनिधि के अनुसार यात्री सुविधा कमेटी के सदस्य रामानंद तिवारी व मनीषा चटर्जी के साथ जेडआरयीसीसी सदस्य महावीर प्रसाद शर्मा ने कुल्टी स्टेशन का दौरा किया. पार्षद अख्तर हुसैन, समाजसेवी राकेश चौबे व स्थानीय निवासियों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा.
उन्होंने स्टेशन के हर प्लेटफॉर्म के शेड में सीलिंग फैन लगाने, टी स्टॉल, पूछताछ केंद्र, ओवरब्रिज, मुंबई हावड़ा मेल, देहरादून एक्सप्रेस, वनांचल एक्सप्रेस, रांची हावड़ा इंटरसिटी एक्सप्रेस, वैद्यनाथ धाम रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस, धनबाद पटना इंटरसिटी एक्सप्रेसआदि ट्रेनों के स्टेशन पर ठहराव की मांग की. उन्होंने कहा कि रांची हावड़ा इंटरसिटी व वैद्यनाथ धाम रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस के ठहराव के लिये विभागीय स्तर पर सिफारिश की जायेगी.