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आइआइएफएल के तीन कर्मी हिरासत में
विवाद. समय पर ग्राहक के लोन नहीं चुकाने पर जेवरों की कर दी नीलामी सोना गिरवी रख कर लोन देनेवाली कंपनी आइआइएफएल के तीन कर्मी को पुलिस ने हिरासत में लिया. उनके खिलाफ शिकायत है कि उन्होंने बिना किसी पूर्व सूचना के लोन लेनेवाली ग्राहक के सोने के जेवरों की नीलामी कर दी है. पुलिस […]
विवाद. समय पर ग्राहक के लोन नहीं चुकाने पर जेवरों की कर दी नीलामी
सोना गिरवी रख कर लोन देनेवाली कंपनी आइआइएफएल के तीन कर्मी को पुलिस ने हिरासत में लिया. उनके खिलाफ शिकायत है कि उन्होंने बिना किसी पूर्व सूचना के लोन लेनेवाली ग्राहक के सोने के जेवरों की नीलामी कर दी है. पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. कंपनी की शत्तर्ाे की सही जानकारी व कार्य में पूर्ण पारदर्शिता न होने से विवाद हुआ.
आसनसोल : आसनसोल दक्षिण थाना अंतर्गत राहालेन स्थित इलाहाबाद बैंक के निकट से मंगलवार को निजी संस्था आइआइएफएल के तीन कर्मियों को स्थानीय पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में हिरासत में लिया है. सनद रहे कि यह कम्पनी गोल्ड जमा लेकर लोन देने का कारोबार करती है.
स्थानीय निवासी मुसरत जहां ने सोना के जेवर कंपनी के पास गिरवी रखे थे. इसके एवज में उसने लोन लिया था. लेकिन वह नियत समय पर लोन का भुगतान नहीं कर पायी थी. दस माह बाद वह लोन की पूरी राशि लेकर जब कंपनी के कार्यालय में आयी तो उसे कहा गया कि समय पर लोन का भुगतान न करने के एवज में उसके जेवरों की नीलामी कर दी गयी है.
पिछले कई दिनों से कंपनी का चक्कर लगाने के दौरान भी कंपनी के कर्मियों का यही जबाब था. सुश्री जहां का दावा है कि लोन भुगतान की तिथि समाप्त नहीं हुयी है. यदि लोन की अवधि समाप्त हो भी गयी तो कंपनी के स्तर से एक बार भी उसे नीलामी करने से पहले पूर्व सूचना नहीं दी गयी. मंगलवार को वह पुन: कार्यालय पहुंची तथा जेवरों की मांग की. इस मुद्दे पर विवाद काफी बढ़ गया. आखिरकार उसने इसकी शिकायत आसनसोल साउथ थाना पुलिस से की.
शिकायत मिलने के बाद पुलिस अधिकारी राहालेन स्थित कंपनी कार्यालय में पहुंचे और कंपनी कर्मियों से कंपनी से संबंधित तथा सुश्री जहां से संबंधित दस्तावेज दिखाने को कहा. कर्मियों ने कहा कि सभी संबंधित दस्तावेज कंपनी के क ोलकाता कार्यालय में है. पुलिस अधिकारी ने जांच में सहयोग न करने के आधार पर सभी तीन कर्मियों को हिरासत में ले लिया. आसनसोल साउथ थाना प्रभारी मनोरंजन मंडल ने कहा कि तीन कर्मियों को हिरासत में लिया गया है. उनसे पूछताछ कर संबंधित दस्तावेजों की जांच की जायेगी.
यदि इस शिकायत में कंपनी के खिलाफ कोई साक्ष्य पाये गये तो उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज होगा. ग्राहक को कंपनी की सेवा से असुविधा हुयी है.
पूर्व पार्षद तथा तृणमूल नेता कुर्बान अली ने इस मामलेमें कंपनी की भूमिका की निंदा की. उन्होने कहा कि इस तरह के मामलों में ग्राहक आमतौर पर सभी कानूनों की जानकारी नहीं रख पाते. यदि कोई ग्राहक समय पर लोन नहीं चुका पाया तो उसे कंपनी के स्तर से कम से कम तीन नोटिस करने के बाद ही जेवरों की नीलामी करनी चाहिए थी. सरकारी बैंक भी तीन नोटिस के बाद ही कदम उठाते है.
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