हिंदी माध्यम स्कूल का अभाव तथा शिक्षकों की कमी के नाम पर डीवीसी लेफ्ट बैंक हाइ स्कूल के इंकार के बाद 53 हिंदीभाषी छात्रों का भविष्य अधर में लटका हउआ है. चार माह बाद भी गाजिर्यन नामांकन के लिए भटक रहे हैं. यह स्थिति तब है जब हिंदीभाषियों के लिए सरकारी स्तर पर बड़ी-बड़ी घोषणाएं हो रही हैं.
रुपनारायणपुर : डीवीसी लेफ्ट बैंक हाइ स्कूल में 53 हिंदी भाषी विद्यार्थियों को दाखिला दिलाने के मुद्दे पर माकपा नेत्री शिप्रा मुखर्जी के नेतृत्व में बुधवार को स्कूल के समक्ष प्रदर्शन किया गया. स्कूल प्रबंधन ने नामांकन करने से साफ इंकार कर दिया है. निकट में कोई स्कूल नहीं होने के कारण इन छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ. प्रधान शिक्षक एस हलधर ने कहा कि वे स्कूल प्रबंध कमेटी से इस मुद्दे पर बात करेंगे.
क्या है पूरा मामला: सालानपुर प्रखंड के देंदूआ ग्राम पंचायत अंतर्गत डीवीसी लेफ्ट बैंक फ्री प्राइमरी स्कूल से इस वर्ष 53 हिंदी भाषी छात्र कक्षा चार से उत्तीर्ण हुए.
जिसमें 60 प्रतिशत लड़कियां हैं. पूरे सालानपुर पंचायत समिति इलाके में एक भी हिंदी माध्यम अपर प्राइमरी स्कूल न होने से प्रतिवर्ष ही कक्षा पांच में दाखिले के लिए हिंदी भाषी छात्रों को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. प्रखंड में कुल आठ हिंदी माध्यम प्राथमिक विद्यालय है. इनमें नौ सौ छात्र पढ़ते है. जिसमें से कक्षा पांच तक की पढ़ाई चार स्कूलों में होती है. पूरे प्रखंड में एक मात्र हिंदी माध्यम हाइ स्कूल चित्तरंजन कस्तुरबा गांधी उच्च विद्यालय है. जहां कक्षा छह से 12 तक की पढ़ायी होती है. देंदूआ ग्राम पंचायत इलाके में रहनेवाले हिंदी भाषी विद्यार्थियों के लिये कक्षा पांच की पढ़ायी पूरी करने के लिये दो जगह बस बदल कर दस किलोमीटर दूर स्कूल जाना संभव न होने के कारण अधिकांश बच्चे कक्षा चार के बाद पढ़ायी छोड़ देते है.
कुछ बच्चों का दाखिला डीवीसी लेफ्ट बैंक हाई स्कूल में हो जाने से उन बच्चों को पढ़ायी का मौका मिल जाता था लेकिन इस वर्ष डीवीसी लेफ्ट बैंक प्राइमरी स्कूल के 53 हिंदी भाषी छात्रों को दाखिला देने से इंकार कर दिया है.