Advertisement
18 को कैबिनेट की बैठक में होगी पेश
सपना सच के करीब. आसनसोल के अलग जिला होने का प्रस्ताव शीघ्र होगा मंजूर मुख्यमंत्री के निर्णय पर टिकेगा आसनसोल का भविष्य आसनसोल : र्दवान जिला का विभाजन कर नये जिला गठन के प्रस्ताव को आगामी 18 दिसंबर को राज्य सरकार की मंजूरी मिलेगी. राज्य मुख्यालय सूत्रों के अनुसार उक्त तिथि को राज्य केबिनेट की […]
सपना सच के करीब. आसनसोल के अलग जिला होने का प्रस्ताव शीघ्र होगा मंजूर
मुख्यमंत्री के निर्णय पर टिकेगा आसनसोल का भविष्य
आसनसोल : र्दवान जिला का विभाजन कर नये जिला गठन के प्रस्ताव को आगामी 18 दिसंबर को राज्य सरकार की मंजूरी मिलेगी. राज्य मुख्यालय सूत्रों के अनुसार उक्त तिथि को राज्य केबिनेट की बैठक प्रस्तावित है.
इसमें बर्दवान जिला के विभाजन सहित पांच नये जिले के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी जायेगी. लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इस नये जिले का क्षेत्र क्या होगा? मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में घोषणा की थी कि बर्दवान जिले का पुनर्गठन बर्दवान जिला औद्योगिक व बर्दवान जिला ग्रामीण के रूप में किया जायेगा. इस नये जिले के मुख्यालय को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है.
प्रारूप तैयार करने के मिले आदेश
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी क ेनिर्देश के आधार पर नवगठित होनेवाले पांच जिलों के संबंधिक प्रस्ताव का प्रारूप तैयार किया जा रहा है. इसे 18 दिसंबर को होनेवाली केबिनेट बैठक में पेश कर मंजूरी दी जायेगी. बर्दवान जिले को दो भागों में बांटना है. इसके लिए बर्दवान जिला औद्योगिक व बर्दवान जिला ग्रामीण का प्रारूप तैयार हो रहा है.
बर्दवान औद्योगिक जिला में आसनसोल औद्योगिक इलाके के साथ-साथ बर्दवान जिला मुख्यालय का शहरी इलाका शामिल होगा या बर्दवान जिला मुख्यालय पूरी तरह से ग्रामीण जिला में रहेगा, इसका निर्णय मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी के आदेश के बाद होगा. इसके साथ ही कलीमपांग महकमा तथआ दुआर्स के कुछ इलाकों को मिला कर कलीमपांग जिले के निर्माण का प्रस्ताव है.
जबकि झाड़ग्राम महकमा व पश्चिमी मेदिनीपुर के कुछ इलाकों को मिलाकर झाड़ग्राम जिले का गठन किया जायेगा. 24 परगना नौर्थ तथा 24 परगना साउथ से काट कर सुंदरवन जिले का गठन किया जायेगा. पूरा सुंदरवन इलाका इस प्रस्तावित जिले के अंदर होगा. इसी तरह नॉर्थ 24 परगना के कुछ इलाकों तथा वशीरहाट अनुमंडल को मिलाकर वशीरहाट जिले का गठन किया जाना है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी विधानसभा चुनाव से पहले इन जिलों को पूर्ण रूप से सक्रिय करना चाहती है, ताकि आगामी विधानसभा चुनावों में इसका राजनीतिक लाभ मिल सके. केबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे केंद्र सरकार के पास औपचारिकता पूरी करने के लिए भेजा जायेगा. इधर जिला प्रशासन का तंत्र विकसित किया जायेगा.
कई विधानसभा कमेटियों की है अनुशंसा
बर्दवान जिले के पुनर्गठन की मांग काफी पुरानी है. विभिन्न विधानसभा कमेटियों यथा तत्कालीन वित्तमंत्री अशोक मित्र कमेटी ने भी इसकी अनुशंसा की थी. उक्त कमेटी ने बर्दवान जिले के साथ मेदिनीपुर, दिनाजपुर तथा 24 परगना जैसे तत्कालीन जिलों के विभाजन की अनुशंसा की थी. तत्कालीन वामपंथी सरकार ने बर्दवान को छोड़ कर अन्य सभी जिलों का पुनर्गठन कर दिया. इसके बाद आयी परिवर्त्तन की सरकार ने भी नये जिले बनाये लेकिन बर्दवान का पुनर्गठन नहीं हो सका है. मुख्य सवाल इसके इलाके व राज्य मुख्यालय का है.
वामपंथी सरकार ने रणनीति बनायी थी कि पहले तो बर्दवान जिले का पुनर्गठन ही नहीं करना है. यदि विवशता में गठन करना पड़ा तो इसका इलाका आसनसोल-दुर्गापुर महकमा होगा. उस समय इसका जिला मुख्यालय दुर्गापुर रखा जायेगा. इसी रणनीति के तहत दुर्गापुर शहर का विकास किया गया तथा सभी महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय व शिक्षण संस्थान दुर्गापुर में खोले गये. परिवर्त्तन की सरकार आने के बाद दुर्गापुर के बजाय आसनसोल राजनीतिक केन्द्र बन गया.
आसनसोल जिला मुख्यालय का आश्वासन
एक वर्ष पहले सरकारी स्तर पर नये जिले के गठन की प्रक्रिया शुरू की गयी. इसका इलाका आसनसोल -दुर्गापुर पुलिस कमीश्नरेट के साथ-साथ कुछ पूर्वी इलाके यथा पूरा कांकसा थाना रखा गया.
इस प्रस्तावित जिले के मुख्यालय के रूप में आसनसोल को प्रोजेक्ट किया गया. सर्वदलीय बैठकें की गयी. प्रशासनिक तैयारियां हुयी. प्रस्ताव पारित किये गये. नाम को लेकर व मुख्यालय को लेकर विवाद हुआ. आसनसोल के प्रति वामपंथी पार्टियों का नजरिया नकारात्मक ही रहा. इसके बाद राज्य सरकार ने नाम व जिला मुख्यालय के विवाद को लंबित रख इस प्रस्ताव को विधानसभा में पेश करने की बात कह ठंडे बस्ते में डाल दिया था.
बर्दवान, दुर्गापुर मुख्यालय की स्थिति स्पष्ट नहीं
जिले के लिए संघर्ष करनेवाले तथा इसके पक्षपातियों का कहना है कि यदि नये जिला का मुख्यालय आसनसोल नहीं हुआ तो यह हिंदीभाषियों के लिए छलावा मात्र ही होगा. यदि इसका मुख्यालय बर्दवान शहर रहा तो इसका कोई औचित्य ही नहीं रह जाता है. दुर्गापुर होने से भी आसनसोल के निवासियों को काफी परेशानी होगी.
उनका कहना है कि आसनसोल व दुर्गापुर महकमा क्षेत्र को मिला कर नये जिले का गठन हो तथा इसका मुख्यालय आसनसोल ही रखा जाये. आसनसोल में जिला मुख्यालय होने के सभी संसाधन व दावे की शर्तें करने की क्षमता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement