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राजनीतिक फायदे देख रहे दल
चुनाव प्रक्रिया : प्रस्तावित वार्डो की सीमा पर राजनीतिक दलों ने दर्ज की आपत्ति आसनसोल : आसनसोल नगर निगम के प्रस्तावित 106 वार्डो पर निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक पार्टियों से मांगी गयी आपत्ति व सुझाव के अंतिम दौर में राजनीतिक लाभ-हानि को प्राथमिकता मिलने लगी है. हर राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर से राजनीतिक फायदे का […]
चुनाव प्रक्रिया : प्रस्तावित वार्डो की सीमा पर राजनीतिक दलों ने दर्ज की आपत्ति
आसनसोल : आसनसोल नगर निगम के प्रस्तावित 106 वार्डो पर निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक पार्टियों से मांगी गयी आपत्ति व सुझाव के अंतिम दौर में राजनीतिक लाभ-हानि को प्राथमिकता मिलने लगी है. हर राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर से राजनीतिक फायदे का आकलन कर आपत्ति या सुझाव दर्ज करा रहा है.
सत्ताशीन तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपना कार्ड नहीं खोला है. राज्य के श्रम मंत्री तथा आसनसोल नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र के विधायक मलय घटक ने कहा है कि इस प्रस्तावित प्रारूप पर मुख्य आपत्ति पार्टी को दर्ज करानी है. उनके विधानसभा क्षेत्र में वार्डो की संख्या 32 है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में पार्षद के दावेदारों को आकलन करना है. यदि उन्हें लगता है कि इसमें कुछ गड़बड़ी है तो वे जिलाध्यक्ष श्री दासू से संपर्क कर सकते हैं. पार्टी उनकी समीक्षा कर अपनी आपत्ति दर्ज कराने का निर्णय लेगी. उनके लिए कुछ करने को नहीं है. इधर जिलाध्यक्ष वी शिवदासन उर्फ दासू ने कहा कि पार्टी ने इस पर कोई रणनीति तय नहीं की है. यदि कहीं से शिकायत मिलती है तो वे संबंधित क्षेत्र के विधायक या पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष से मिल कर समीक्षा करेंगे.
विपक्षियों का आरोप है कि तृणमूल ने पहले से ही अपने राजनीतिक फायदे को देख कर वार्डो की सीमा निर्धारण कराया है. विपक्षियों को मौका न देने के लिए ही आपत्ति दर्ज कराने के लिए बहुत कम समय दिया गया.
चुनाव अधिकारियों ने 15 दिन का प्रस्ताव खारिज कर दिया. इसके बाद भी तृणमूल के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि विपक्षी खास कर भाजपा के समर्थन का आकलन कर कुछ वार्डो में नये सिरे से कुछ बूथों को शामिल किया जा सकता है. जिन वार्डो में भाजपा का प्रभाव अधिक होने की संभावना है, उन वार्डो में अल्पसंख्यक बहुल मतदाताओं के बूथ शामिल किये जा सकते हैं. शुक्रवार को तृणमूल अपनी आपत्ति दर्ज करा सकती है.
इधर भाजपा ने अपना कार्ड नहीं खोला है. पार्टी नेताओं का कहना है कि तृणमूल जो भी फेर बदल कर ले, यदि मतदातआओं को मतदान करने का मौका मिला तो बोर्ड भाजपा ही गठित करेगी. कुछ बूथों के इधर-उघर करने से कोई फायदा नहीं होगा.
चुनावी मशीनरी में मजबूत मानी जानेवाली माकपा ने इस मुद्दे पर राजनीतिक गोलबंदी कर रखी है. वाममोर्चा के साथ उसने राजद व जद (यू) को भी अपने साथ रखा है. उसने रानीगंज व जामुड़िया में अपने प्रभाव को मजबूत मानते हुए आपत्तियों में आसनसोल नगर निगम व कुल्टी नगरपालिका को केंद्र में रखा है. इन दोनों में तृणमूल का बोर्ड था. माकपा ने कम से कम 50 वार्डो के बूथों को नये सिरे से समायोजन का प्रस्ताव रखा है.
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