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बर्नपुर सीमेंट : पतरातू यूनिट में उत्पादन आज से, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास करेंगे उदघाटन
आसनसोल : बर्नपुर सीमेंट लिमिटेड (बीसीएल) की नवनिर्मित पतरातू यूनिट का औपचारिक उद्घाटन 13 जुलाई (सोमवार) को झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास करेंगे. उद्घाटन की सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. कंपनी सूत्रों ने बताया कि दोपहर 12 बजे उदघाटन समारोह पतरातू स्थित प्लांट परिसर में होगा. झारखंड में एमओयू करने वाली यह 18 […]
आसनसोल : बर्नपुर सीमेंट लिमिटेड (बीसीएल) की नवनिर्मित पतरातू यूनिट का औपचारिक उद्घाटन 13 जुलाई (सोमवार) को झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास करेंगे. उद्घाटन की सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. कंपनी सूत्रों ने बताया कि दोपहर 12 बजे उदघाटन समारोह पतरातू स्थित प्लांट परिसर में होगा. झारखंड में एमओयू करने वाली यह 18 वीं कंपनी है, जो अपना उत्पादन आरंभ करने जा रही है. इससे पूर्व 17 कंपनियां अपने पहले चरण का उत्पादन आरंभ कर चुकी है.
कंपनी के कार्यपालक निदेशक (इडी) एसके सिंह ने बताया कि प्लांट की क्षमता 800 टीपीडी है, यानी 800 टन सीमेंट का उत्पादन प्रतिदिन होगा. बाजार में यह उत्पाद बर्नपुर सीमेंट के ब्रांड से मिलेगा. रियाडा के अधीन पतरातू इंडस्ट्रियल एरिया में प्लांट है. कुल 75 एकड़ भूमि पर प्लांट फैला हुआ है. 300 करोड़ की लागत से प्लांट का निर्माण हुआ है. प्लांट में अभी प्रत्यक्ष रूप से 200 व अप्रत्यक्ष रूप एक सौ लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
पीपी शर्मा हैं इसके चेयरमैन
बर्नपुर सीमेंट लिमिटेड के निदेशक मंडल के अध्यक्ष राज्य के पूर्व मुख्य सचिव पीपी शर्मा (सेवानिवृत्त आइएएस) हैं. वाइस चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर अशोक गुटगुटिया, पूर्णकालिक निदेशक मनोज कुमार अग्रवाल हैं. अन्य निदेशकों में सुब्रत मुखर्जी, जेसी भूटानी, प्रेम प्रकाश अग्रवाल व रचना अग्रवाल शामिल है. कंपनी के ब्रांड का पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड सहित नॉर्थ पूर्व के राज्यों के बाजार में अच्छी पकड़है. इस समारोह में आसनसोल से भी कई उद्योगपतियों के शामिल होने की संभावना है.
नौ वर्ष लग गये चालू होने में
वर्ष 2006 में बर्नपुर सीमेंट लिमिटेड द्वारा झारखंड सरकार के साथ एमओयू किया गया था. तब से प्लांट के लिए कभी लाइम स्टोन माइंस, तो कभी अन्य क्लीयरेंस के लिए विलंब होता रहा.
रियाडा द्वारा भूमि आवंटित की गयी. इसके बाद प्लांट का निर्माण आरंभ हो सका. अभी भी रॉ मटेरियल के लिए प्लांट टाटा स्टील और बोकारो स्टील के स्लैग पर निर्भर है. जिप्सम का आयात करना पड़ता है. लाइम स्टोन की खदान कंपनी के पास नहीं है. कार्यपालक निदेशक (इडी) श्री सिंह ने कहा कि लाइम स्टोन के ऑक्शन में कंपनी भाग लेगी. अब प्लांट उत्पादन के लिए पूरी तरह तैयार है.
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