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देखिए-देखिए सर, चांद उलटा नजर आ रहा है!
आसनसोल : देखिए-देखिए ,चांद उलटा निकला है. रविवार की देर शाम से देर रात तक यह बात आसनसोल शहर से लेकर कोयलांचल तक तथा ग्रामीण इलाकों से लेकर महानगर कोलकाता तक चर्चा के केंद्र में रही. गणोश प्रतिमा के दूध पीने की तर्ज पर ही हर कोई अपने परिजनों, रिश्तेदारों, जान पहचानवालों तथा फेसबुक मित्रों […]
आसनसोल : देखिए-देखिए ,चांद उलटा निकला है. रविवार की देर शाम से देर रात तक यह बात आसनसोल शहर से लेकर कोयलांचल तक तथा ग्रामीण इलाकों से लेकर महानगर कोलकाता तक चर्चा के केंद्र में रही.
गणोश प्रतिमा के दूध पीने की तर्ज पर ही हर कोई अपने परिजनों, रिश्तेदारों, जान पहचानवालों तथा फेसबुक मित्रों को विभिन्न माध्यमों से सूचित कर रहा था. हर कोई कह रहा था – ‘देखिए,देखिए, चांद उलटा निकला है.’
शहर में हजारों निवासी अपने-अपने घरों से बाहर निकल कर आसमान में चांद को निहार रहे थे. कोई अफवाह तो कोई इसे प्राकृतिक का करिश्मा मान रहा था. कोई इसे भूकंप से जोड़ रहा था. चांद तो चांद की तरह था, लेकिन ऊपर से कटा था. अक्सरहां यह बायीं या दायीं ओर से कटा होता है. इस संबंध में संपर्क करने पर कॉलेज में भूगोल के प्राध्यापक डॉ सुखदेव साहु ने कहा कि यह कोई अजूबा नहीं है. ऐसा पहले भी होता रहा है.
उन्होंने बताया कि पृथ्वी और चांद दोनों अपनी धुरी पर घुम रहे हैं. इस क्रम में दोनों का एंगल कभी-कभी इस प्रकार की परिस्थिति भी उत्पन्न करता है, जब पृथ्वी से चांद के ऊपरी हिस्से को नहीं देखा जा सकता है. इस कारण से वह कटा महसूस होता है.
आम तौर पर चांद का कटना साइड से होता है. इसलिए एकाएक ऊपर से कटना देख कर लोगों का आश्चर्य होता है कि ऐसा कैसे हो गया? इस संदर्भ में एक जानकार ने बताया कि चांद की शक्ल उलटी होने की घटना में कोई सच्चई नहीं है. रविवार को शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. चंद्रमा कर्क राशि में हैं. रविवार की रात 8.02 बजे के बाद सिंह राशि में प्रवेश कर गया.
इस दिन चांद का आकार ऐसा ही होता है. दरअसल रविवार की दोपहर आए भूकंप के झटकों की दहशत के बीच शाम ढलते ही अफवाहों के बवंडर आने शुरू हो गये. शुरु आत चांद के उल्टा निकल आने की अफवाह से हुई. शाम के गहराते ही टीवी चैनलों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर उल्टे निकले चांद, उसकी पोजीशन को लेकर गहमागहमी का दौर शुरू हो गया. लोगों के बीच अफवाह चली कि चांद कुछ अजब तरीके से निकल आया है.
फिर रात्रि में बारह बजे भूकंप आने के दावे-प्रतिदावे होने लगे. फोन से एक-दूसरे से इसकी चर्चा कर सचेत रहने की सलाह दी जानी लगी. कुछ लोगों ने अगले 24 से 48 घंटों में पानी के कड़वे होने की अफवाह भी फैलानी शुरू कर दी. इससे भी हजारों हलकान रहे. देर रात तक लोग अफवाहों को लेकर पड़ोसियों और अखबारों के दफ्तरों में फोन कर सच जानते रहे.
इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के एजुकेटर सुमित ने बताया कि उनके पास भी कई लोगों के चांद के उल्टा होने के फोन आये. लेकिन सारे ग्रह अपनी जगह पर थे. चांद की पोजिशन उल्टा होने का मतलब है कि पृथ्वी का रोटेशन बिगड़ना, यह एकदम असंभव है. न तो चांद ही उल्टा निकला और न ही पानी जहरीला हुआ. सब कोरी अफवाहें थी.
कुछ लोग अक्सरहां ऐसी घटनाओं के बाद चर्चा में बने रहने के लिये झूठी बातें प्रसारित करवा देते हैं. खगोलविद अनिल यादव ने कहा कि चांद उल्टा निकलने की सूचना बिल्कुल अफवाह है.
धरती पर भूकंप आए और चांद उल्टा हो जाये, ऐसा नहीं है. यह कोरी अफवाह है. ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. धरती भी अपनी जगह पर है, चांद भी अपनी जगह पर. चांद रविवार को भी पश्चिम से उदय हुआ है. ऐसी बातों तथा अफवाहों पर बिल्कुल भी भरोसा न करें.
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