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महापुरुषों के बारे में अब और ज्यादा जान पायेंगे सीबीएसइ स्टूडेंट्स
आसनसोल : बिहार की धरती से ल्हासा की यात्रा कर लौटे तथा पश्चिम बंगाल के छात्रों के बीच चर्चित रहे राहुल सांकृत्यायन पर आधारित एक चैप्टर को सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसइ) ने नौवीं कक्षा की हिंदी की किताब में शामिल किया है. बिहार के किसी महापुरुष को पहली बार सीबीएसइ ने अपने सिलेबस […]
आसनसोल : बिहार की धरती से ल्हासा की यात्रा कर लौटे तथा पश्चिम बंगाल के छात्रों के बीच चर्चित रहे राहुल सांकृत्यायन पर आधारित एक चैप्टर को सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसइ) ने नौवीं कक्षा की हिंदी की किताब में शामिल किया है.
बिहार के किसी महापुरुष को पहली बार सीबीएसइ ने अपने सिलेबस में जगह दिया है. सांकृत्यायन के साथ-साथ स्वामी विवेकानंद और साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी को भी सीबीएसइ ने अपने हिंदी कोर्स में शामिल किया है. सीबीएसइ के 2014-15 सत्र से हिंदी के क्षितिज भाग-1 के गद्य खंड में इसे शामिल किया गया है. श्री सांकृत्यायन को छात्र प्रथम सत्र में ही पढ़ेंगे. नौवीं कक्षा में ही सोशल स्टडी में स्वामी विवेकानंद को लेकर एक चैप्टर होगा. इसमें विवेकानंद के सन्यासी बनने से लेकर अमेरिका यात्रा के बारे में जानकारी दी जायेगी.
सीबीएसइ ने 2014 में ही सभी स्कूलों को इस संबंध में निर्देश जारी किया था. इस सत्र से इसे लागू कर दिया गया है. प्रेमचंद की तरह फणीश्वर नाथ रेणु के बारे में भी सीबीएसइ के छात्र पढ़ पायेंगे. श्री रेणु की जीवनी के साथ उनके उपन्यास ‘इस जलप्रलय में’ को भी नौवीं क्लास में चलाया जा रहा है. नौवीं क्लास के कृतिका पाठ्य पुस्तक में रेणु जी के इस उपन्यास को रखा गया है. 40 अंक के इस उपन्यास में फॉर्मेटिव और समेटिव दोनों ही असेसमेंट होगा.
फॉर्मेटिव असेसमेंट में हिंदी
अब लैंग्वेज को भी फॉर्मेटिव असेसमेंट में शामिल कर दिया गया है. इसके तहत 50 अंक प्रथम सत्र और 50 अंक द्वितीय सत्र में शामिल किये गये हैं. फॉर्मेटिव असेसमेंट के तहत हिंदी में उच्चारण, सुनने की क्षमता और लिखने आदि पर अंक दिये जायेंगे.
मिलेगी ज्यादा जानकारी
बोर्ड सूत्रों ने बताया कि सीबीएसइ स्कूलों में अभी भी देश के महापुरुषों के बारे में जानकारी कोर्स के माध्यम से कम दी जाती है. इसी को देखते हुए कुछ महापुरुषों को सीबीएसइ कोर्स में शामिल करने जा रहा है.
बढ़ेगा महत्व म्यूजियमों का
राहुल सांकृत्यायन के सीबीएसइ के सिलेबस में शामिल होने के बाद उन म्यूजियम का महत्व बढ़ जायेगा, जहां राहुल सांकृत्यायन की लायीं पांडुलिपियां रखी हुई हैं. सीबीएसइ से मिली जानकारी के अनुसार फॉर्मेटिव असेसमेंट के 10 अंक के तहत छात्र पटना म्यूजियम का विजिट कर सकते हैं. सांकृत्यायन की पांडुलिपि के ऊपर प्रोजेक्ट वर्क भी छात्रों को दिये जायेंगे. प्रोजेक्ट वर्क में राहुल सांकृत्यायन के बारे में जानने के लिए स्टूडेंट्स को म्यूजियम जाना होगा. इसके लिए सीबीएसइ स्कूलों की ओर से म्यूजियम से समय लिया जायेगा.
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