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काजोड़ा एरिया उत्पादन लक्ष्य से पीछे

हरिपुर : वित्तीय वर्ष 2014-15 में काजोड़ा एरिया उत्पादन लक्ष्य से पांच लाख 19 हजार 552 टन पीछे है. 21 मार्च 2015 तक एरिया का उत्पादन 14 लाख 89 हजार 899 टन है. लक्ष्य 20 लाख 9 हजार 454 टन था. भूमिगत खदान का उत्पादन भी आशानुरूप नहीं हुआ है. लक्ष्य आठ लाख 46 हजार […]

हरिपुर : वित्तीय वर्ष 2014-15 में काजोड़ा एरिया उत्पादन लक्ष्य से पांच लाख 19 हजार 552 टन पीछे है. 21 मार्च 2015 तक एरिया का उत्पादन 14 लाख 89 हजार 899 टन है. लक्ष्य 20 लाख 9 हजार 454 टन था. भूमिगत खदान का उत्पादन भी आशानुरूप नहीं हुआ है.
लक्ष्य आठ लाख 46 हजार 200 टन था. सात लाख 31 हजार आठ सौ आठ टन ही उत्पादन हुआ है. खुली खदानों में जामबाद ओसीपी का लक्ष्य सात लाख 75 हजार 11 टन था लेकिन पांच लाख 39 हजार 724 टन उत्पादन हुआ है. यह लक्ष्य से दो लाख 35 हजार 287 टन पीछे है.
जामबाद ओसीपी ने तीन लाख 60 हजार 267 टन कोयला डिस्पैच किया है. अभी भी दो लाख छह हजार नौ सौ 84 टन जमा है. माधवपुर पैंच का लक्ष्य तीन लाख 88 हजार दो सौ 40 टन था उत्पादन दो लाख 18 हजार 367 टन ही हुआ है. यह लक्ष्य से एक लाख 69 हजार आठ सौ 73 टन पीछे है.
इस संबंध में एरिया महाप्रबंधक ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. सीएमडी राकेश सिन्हा ने कहा कि रैक नहीं मिलने से काजोड़ा एरिया का भी कोयला जमा है. जामबाद ओसीपी आग से भरी माइंस है, यहां कभी भी आग लग सकती है.
केकेएससी के संयुक्त महासचिव गुरुदास चक्रवर्ती ने कहा कि काजोड़ा एरिया उत्पादन लक्ष्य से काफी पीछे है जबकि यहां बड़ी मात्र में कोयला जमा है. इसकी जानकारी इसीएल के डीटी और सीएमडी के पास भी होगा. उन्हे अपने अधिकारियों से पूछना चाहिये और उचित कार्रवाई करनी चाहिए.
सीएमएस के महासचिव व पूर्व सांसद आरसी सिंह ने कहा कि काजोड़ा एरिया लक्ष्य के मुताबिक उत्पादन नहीं कर पाया है. इसलिये कोयला बड़ी मात्र में जमा कर रखा गया है. यह जानते हुए कि उसमें आग लगने का खतरा है, डिस्पैच नहीं किया जा रहा है. इस मुद्दे को इसीएल मुख्यालय में उठाया जायेगा.

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