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केजरीवाल की राह पर ममता सरकार गरीबों को 75 यूनिट तक मुफ्त बिजली

कोलकाता : राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बजट में कई नयी योजनाओं का प्रस्ताव रखा है. दिल्ली की बिजली योजना की तर्ज पर राज्य सरकार की ओर से मुफ्त बिजली की योजना शुरू की गयी है. हालांकि यह योजना गरीबों के लिए है और इस के तहत गरीबों को तीन महीने में 75 […]

कोलकाता : राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बजट में कई नयी योजनाओं का प्रस्ताव रखा है. दिल्ली की बिजली योजना की तर्ज पर राज्य सरकार की ओर से मुफ्त बिजली की योजना शुरू की गयी है. हालांकि यह योजना गरीबों के लिए है और इस के तहत गरीबों को तीन महीने में 75 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जायेगी. एक नजर बजट में घोषणा की गयी नयी योजनाओं पर.

राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने राज्य बजट में ‘हांसिर आलो’ (खुशी की रोशनी) नामक योजना के शुरू किये जाने का प्रस्ताव रखा. इसके तहत गरीब घरेलू उपभोक्ताओं को तीन महीने के बिल में 75 यूनिट मुफ्त बिजली दी जायेगी. इससे 35 लाख परिवार लाभान्वित होंगे. इसके लिए 200 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष के लिए आवंटित किये जाने का प्रस्ताव है.
तीन नये विश्वविद्यालय खुलेंगे
राज्य में तीन नये विश्वविद्यालय खोले जाने की घोषणा की गयी है. वर्तमान में राज्य में 42 विश्वविद्यालय हैं. तीन नये विश्वविद्यालयों में झाड़ग्राम में बिरसा मूंडा यूनिवर्सिटी, आंबेडकर यूनिवर्सिटी जो अनुसूचित जाति बहुल इलाके में खोली जायेगी तथा एक अन्य विश्वविद्यालय जो अन्य पिछड़ी जातियों में शिक्षा के विकास के लिए खोली जायेगी. ये विश्वविद्यालय अगले दो वर्षों के भीतर स्थापित किये जायेंगे. अगले वित्त वर्ष में इसके लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है.
एससी-एसटी के लिए पेंशन
अनुसूचित जाति के उम्रदराज लोगों के कल्याण के लिए ‘बंधु प्रकल्प’ शुरू किया जा रहा है. इस योजना के तहत 60 वर्ष की उम्र से अधिक अनुसूचित जाति के सभी लोगों को, जो किसी अन्य पेंशन योजना में शामिल नहीं हैं, उन्हें मासिक एक हजार रुपये का पेंशन दिया जायेगा. ऐसे लोगों की वर्तमान में तादाद 21 लाख है. इन सभी को वृद्धावस्था पेंशन दिया जायेगा. इसके लिए अगले वित्त वर्ष के लिए 2500 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
अनुसूचित जनजाति के बुजुर्गों के कल्याण के लिए ‘जय जोहार प्रकल्प’ की घोषणा की गयी है. इसके तहत 60 वर्ष की उम्र से अधिक सभी अनुसूचित जनजाति के लोग, जो अन्य किसी पेंशन योजना से नहीं जुड़े हैं, उन्हें एक हजार रुपये मासिक पेंशन दिया जायेगा. राज्य में ऐसे लोगों की तादाद करीब चार लाख है. इसके लिए अगले वित्त वर्ष के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है.
असंगठित श्रमिकों के लिए नि:शुल्क भविष्य निधि
परिवहन, निर्माण व अन्य सेक्टर के असंगठित श्रमिकों के लिए मौजूदा सामाजिक सुरक्षा योजना के स्थान पर ‘बिना मूल्य सामाजिक सुरक्षा’ योजना का प्रस्ताव है. नयी योजना में राज्य सरकार, नि:शुल्क अन्य सुविधाएं देने के अलावा भविष्य निधि (पीएफ) भी नि:शुल्क मुहैया करायेगी. वर्तमान योजना में श्रमिक को 25 रुपये का योगदान देना होता है और राज्य सरकार 30 रुपये देती है.
हालांकि नयी योजना में श्रमिक के 25 रुपये का योगदान भी राज्य सरकार वहन करेगी. यह योजना एक अप्रैल 2020 से लागू होगी. इस योजना से 1.50 करोड़ परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है. इसके लिए अगले वित्त वर्ष के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किये जाने का प्रस्ताव है.
एमएसएमइ के लिए इंसेंटिव स्कीम
एमएसएमइ सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए ‘बांग्लाश्री’ नामक योजना एक अप्रैल से लागू किये जाने का प्रस्ताव है. जिन एमएसएमइ ने अपना कामकाज एक अप्रैल 2019 के बाद शुरू किया है वह भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं. इस इंसेंटिव स्कीम से बड़ी तादाद में रोजगार के सृजन होने की संभावना है. इस के लिए अगले वित्त वर्ष के लिए 100 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव दिया गया है.
बेरोजगारों को सहज ऋण व सब्सिडी
बेरोजगारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘कर्म साथी प्रकल्प’ शुरू किया गया है. इसके तहत अगले तीन वर्षों तक एक लाख बेरोजगारों को मदद दी जायेगी. उन्हें नयी आय सृजन परियोजना के लिए सॉफ्ट लोन (सहज ऋण) और सब्सिडी राज्य के सहकारिता बैंकों की ओर से दिया जायेगा. इसके लिए अगले वित्त वर्ष के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है.
100 नये एमएसएमइ पार्क बनेंगे
एमएसएमइ निवेश को बढ़ावा देने के लिए 100 नये एमएसएमइ पार्क अगले तीन वर्षों में स्थापित किये जायेंगे. इसके लिए अगले वित्त वर्ष के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है.
चाय बागान कर्मियों को आवास
चाय बागान के स्थायी कर्मचारियों के आवास के लिए ‘चाय सुंदरी’ नामक परियोजना योजना शुरू करने का प्रस्ताव है. इसके तहत अगले तीन वर्षों तक राज्य सरकार उन सभी स्थायी कर्मचारियों के आवास के लिए फंड मुहैया करायेगी, जिनके पास अपना घर नहीं है. गौरतलब है कि राज्य के चाय बागानों में करीब तीन लाख स्थायी कर्मचारी हैं. इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव है.
तीन नये सिविल सेंटर अकादमी
राज्य सरकार ने सिविल सर्विसेस की परीक्षाओं में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को उत्साहित करने के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग सेंटर खोला है. इस कोचिंग सेंटर की सफलता से उत्साहित होकर तीन नये सिविल सेंटर अकादमी कोलकाता, सिलीगुड़ी और दुर्गापुर में खोले जायेंगे. इनके नाम क्रमश: महात्मा गांधी, जय हिंद और आजाद होंगे. इसके लिए अगले वित्त वर्ष के लिए 15 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है.
2744 बांग्ला सहायता केंद्र खुलेंगे
राज्य सरकार की परिसेवा की पहुंच को बढ़ाने के लिए राज्य के 23 जिला कार्यालयों (कोलकाता समेत), 66 सब डिवीजनल कार्यालयों, 342 बीडीओ कार्यालयों, 1500 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व 813 पुस्तकालयों में कुल 2744 बांग्ला सहायता केंद्र खोले जायेंगे. इनके जरिये आम लोग राज्य सरकार की विभिन्न परिसेवाओं का लाभ ले सकेंगे. इनका इस्तेमाल विभिन्न परियोजनाओं का लाभ लेने के अलावा, जाति प्रमाणपत्र, आवासीय प्रमाणपत्र, टैक्स व अन्य शुल्क जमा करने के लिए किया जा सकेगा. इसके लिए अगले वित्त वर्ष के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है.

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