ट्रेन तथा वाहनों की गति हुई धीमी
पानागढ़ : उत्तर भारत में ठंड में लोग बेकाबू है. वहीं दक्षिण बंगाल के पश्चिम बर्दवान के कई इलाकों में ठंड ने अपना असर बढ़ा दिया है. पानागढ़ सहित कई इलाकों में ठंड के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. दार्जिलिंग व कलिम्पोंग के बाद सबसे ज्यादा ठंड मंगलवार सुबह पानागढ़ में देखने को मिली. सुबह से ही घने कोहरे तथा शीतलहरी के कारण लोग परेशान रहे. सड़क तथा रेल मार्गों पर चलने वाली गाड़ियों की गति धीमी पड़ गई.
कोलकाता गामी कई ट्रेनों की गति पानागढ़ स्टेशन से धीमी गति चलती नजर आयी. दो नंबर हाईवे पर भी वाहनों की गति काफी धीमी देखी गई. कांकसा ब्लॉक विकास अधिकारी सदीप्त भट्टाचार्य ने बताया कि आज पानागढ़ का तापमान 7 डिग्री के आसपास देखा गया. गत 13 वर्षों में सबसे ज्यादा ठंड आज तथा कल देखी गई. सुबह से ही घने कोहरे के कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त नजर आया. लोग अपने घरों में दुबके रहे.
बढ़ती शीतलहरी तथा ठंड को देखते हुए पानागढ़ के कई विद्यालयों की समय सूची में परिवर्तन कर दिया गया है. आज पानागढ़ के विभिन्न इलाकों में जहां लोग अपने घरों में दुबके रहे हैं, वहीं कांकसा ब्लॉक के जंगलमहल इलाकों में सबसे ज्यादा परेशानी आदिवासी परिवारों में देखने को मिली. घने जंगल के बीच रहने वाले गरीब तथा कच्चे मिट्टी के घरों में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करते देखा गया.
प्रशासन की ओर से इस दिशा में फिलहाल कोई कदम नहीं उठाया गया है. जबकि प्रशासन का कहना है कि ठंड को लेकर अभी तक उक्त इलाकों से कोई आवेदन नहीं मिला है. मलानदिघी निवासी बासुदेव चटर्जी का कहना है कि मंगलवार को ठंड और शीतलहरी के कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. खेतों में काम करने वाले मजदूर तक नहीं मिल पा रहे हैं. ठंड के कारण कामकाज ठप पड़ रहा है.
पानागढ़ बाजार निवासी रजत वर्मा का कहना है कि 40 वर्षों से ज्यादा समय से वह पानागढ़ में रह रहे हैं. लेकिन कल और आज की तरह ठंड, घना कोहरा और शीतलहर पहले नहीं देखा था. उन्होंने बताया कि आज 6 -7 डिग्री तापमान देखने को मिला है. सुबह से ही अलाव जलाकर रखा गया है.
दुर्गापुर सन माइकल स्कूल के छात्र दर्शील, विनय आदि ने बताया कि इस वर्ष इस तरह का घना कोहरा और ठंड पहले नहीं देखा था. मजबूरन स्कूल जाना पड़ रहा रहा है. अभी तक हमारे स्कूल का समय नहीं बदला गया है. पानागढ़ ज्ञान निकेतन के मॉर्निंग सेक्शन के छात्रों को सुबह घने कोहरे के बीच विद्यालय जाते देखा गया.