बर्दवान : अस्थाई कर्मियों के आंदोलन के दौरान गुप्त तरीके से बर्दवान नगरपालिका प्रबंधन ने जिन 14 कर्मियों का वेतन बढ़ाया था उस आदेश को रद्द कर दिया गया है. बर्दवान नगरपालिका के नियुक्त प्रशासक तथा बर्दवान सदर उत्तर अनुमंडल अधिकारी पुष्पेंदु सरकार ने इस मुद्दे पर निर्देश जारी किया है. आदेश में बताया गय है कि पिछले साल 29 सितंबर में बर्दवान नगरपालिका के तत्कालीन चैयरमेन का आदेश को खारिज करते हुए कर्मियों के बढ़े वेतन को रोका जा रहा है.
अतिरिक्त भुगतान व वेतन को जून माह के वेतन के साथ आठ बार में काटा जायेगा. इस आदेश की जानकारी नगरपालिका के कार्यशासी अफसर, फाईनेंस अफसर, सचिव, हिसाबरक्षक तथा 14 कर्मियों को भेज दी गयी है. पिछले साल 22 अक्टूबर को बर्दवान नगरपालिका बोर्ड की खत्म हो गयी. पालिका बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने से एक महीने पूर्व यानी 29 सितंबर को तत्कालीन नगरपालिका चैयरमेन स्वरुप दत्त के हस्ताक्षर किया आदेश जारी किया गया था.
इसमें नौ कर्मियों का 2000-2000 रुपये और पांच कर्मियों का 1000-1000 रुपये वेतन बढ़ाया गया था. यह आदेश पालिका पार्षद और अन्य कर्मियों की बिना किसी सूचना के जारी किया गया था. नगरपालिका में कुल 1100 अस्थायी कर्मी मौजूद है. इनमें से 14 अस्थाई कर्मियों का बेतन बढाना आश्चर्यजनक बताया गया था. इसी बीच पूर्ब नगरपालिका चैयरमेन स्वरुप दत्त ने दावा किया कि वेतन बढ़ाने के किसी आदेश पर कोई हस्ताक्षर नहीं किया है.
उन्होंने दावा किया कि उनके हस्ताक्षर की नकल की गयी है. इस स्थिति में पालिका प्रशासक ने वह आदेश जांच के लिए पालिका के फाईनेंस अफसर को भेजा. बर्दवान नगरपालिका के कार्यशासी अफसर अमित गुह ने बताया कि पालिका प्रशासक तथा अनुमंडल अधिकारी पुष्पेंदु सरकार ने एक आदेश में वेतन बढाने के आदेश को खारिज करने का आदेश दिया. वहीं चेयरमैन के हस्ताक्षर जांच करने के लिए जिस फाईनेंस अफसर को जिम्मेदारी दी गयी है वह अभी छुट्टी पर है.