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रूपनारायणपुर : निर्माण कर रही ठेका कंपनी के कर्मियों को आदिवासियों ने दी धमकी, कार्य बंद करें अन्यथा बुरा अंजाम

रूपनारायणपुर : सालानपुर प्रखण्ड के नामोकेशिया में गुरुवार को आदिवासियों ने रानीगंज कोलफील्ड एरिया पुनर्वास परियोजना के कार्य को बंद कर निर्माणकारी संस्था के कर्मियों को हमेशा के लिए वापस लौट जाने को कहा. पुलिस की मौजूदगी में ही घेराबंदी के लिए लगाई गईं बल्लियों को उखाड़ फेंका. ब्रिज एंड रूफ के कर्मियों ने कार्य […]

रूपनारायणपुर : सालानपुर प्रखण्ड के नामोकेशिया में गुरुवार को आदिवासियों ने रानीगंज कोलफील्ड एरिया पुनर्वास परियोजना के कार्य को बंद कर निर्माणकारी संस्था के कर्मियों को हमेशा के लिए वापस लौट जाने को कहा. पुलिस की मौजूदगी में ही घेराबंदी के लिए लगाई गईं बल्लियों को उखाड़ फेंका.
ब्रिज एंड रूफ के कर्मियों ने कार्य बंद कर दिया. इसकी शिकायत स्थानीय बीडीओ तपन सरकार और परियोजना प्रभारी राज्य हाउजिंग विभाग के अधीक्षक अभियंता जाह्नवी कोनार से की. श्री कोनार ने लिखित शिकायत मांगी ताकि राज्य मुख्यालय से दिशा निर्देश लिया जा सके. फिलहाल कार्य बंद हैं.
रानीगंज कोलफील्ड एरिया पुनर्वास परियोजना के भू-धंसान और भूमिगत आग से प्रभावित इलाके के निवासियों को पुनर्वासित करने के लिए नामोकेशिया में सरकारी साढ़े 26 एकड़ जमीन पर आवासीय नगरी बनाने का कार्य राज्य आवास विभाग ने आरम्भ किया है.
इसमें कुल 1904 आवास का निर्माण होना है. ठेका कंपनी ब्रिज एंड रूफ ने 14 मार्च, 2018 को कार्य आरंभ किया. लेकिन आदिवासियों के विरोध के कारण अब तक लेआउट का कार्य भी पूरा नहीं हुआ है.
आदिवासी जमीन में बांस के बैरिकेट लगा प्रवेश बंद कर दिया है. इस बैरिकेट को कोई भी खोलने की साहस नहीं कर रहा है. आदिवासियों ने स्थल पर ही झुग्गी-झोपड़ी डाल दी है. सात दिन पहले इलाके में हुई बारिश के बाद स्थल की जमीन की जुताई कर टमाटर और बैगन के पौधे भी लगा दिये गये हैं. साइट में पुलिस बल की तैनाती है.
इसके बावजूद काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. गुरुवार को आदिवासियों ने साइट में आकर ठेका कंपनी के कर्मियों को धमकी दी कि यहां से सारा सामान समेट कर वापस लौट जाये. वे यहां कार्य नहीं होने देंगे. पुलिस की मौजूदगी में घेराबंदी की बल्लियों को उखाड़ फेंका. इसके पहले भी उन्होंने कर्मियों को मना किया था. नहीं मानने पर उन्होंने कर्मियों की पिटाई की थी तथा मशीनों में तोड़फोड़ की थी.
गुरूवार को मिली धमकी के बाद ठेका कंपनी के अधिकारी तथा कर्मी काफी आतंकित हैं तथा वे इस माहौल में कार्य नहीं करना चाहते हैं. इस मामले में स्वयं जिलाशासक शंशाक सेठी हस्तक्षेप कर चुके हैं.
लेकिन बात फिर भी नहीं बन पा रही है. जिला प्रशासन आदिवासियों के साथ टकराव में नहीं जाना चाहता. आदिवासियों का कहना है कि जमीन उनकी बस्ती के पास है. उनके बच्चे थथा उनके जानवरों के लिए यह जमीन काफी उपयोग की है. इस जमीन पर वे कोई निर्माण नहीं होने देंगे.

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