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डिसरगढ़ मजार की संपत्ति को लेकर विवाद

सांकतोड़िया : वार्ड संख्या 105 अंतर्गत स्थित डिसरगढ़ पीरस्थान की संपत्ति के मालिकाने को लेकर वक्फ बोर्ड तथा दाता शाह बाबा के उत्तराधिकारियों के बीच गतिरोध बरकरार है. दोनों पक्षों की हठधर्मिता को देखते हुए किसी भी प्रकार की घटना की अंदेशा व्यक्त की जा रही है. यह मामला कलकत्ता हाई कोर्ट में भी जा […]

सांकतोड़िया : वार्ड संख्या 105 अंतर्गत स्थित डिसरगढ़ पीरस्थान की संपत्ति के मालिकाने को लेकर वक्फ बोर्ड तथा दाता शाह बाबा के उत्तराधिकारियों के बीच गतिरोध बरकरार है. दोनों पक्षों की हठधर्मिता को देखते हुए किसी भी प्रकार की घटना की अंदेशा व्यक्त की जा रही है. यह मामला कलकत्ता हाई कोर्ट में भी जा सकता है.
पीरस्थान की संपत्ति पर मालिकाने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. बीते रविवार को वक्फ बोर्ड समर्थकों ने वक्फ बोर्ड के मालिकाने का सूचना पट्ट लगाने की तैयारी की थी. इसके बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई. बाद मे इसे छठ पूजा तक के लिए टाल दिया गया. स्थानीय वरिष्ठ खादिम यासीन शाह तथा अजीब खान ने कहा कि वे यहां 45 सालों से खादिम हैं.
उन्हें यह उनके पिता से विरासत में मिला है. उन्होंने कहा कि यह संपत्ति काशीपुर के राजा ने उनके पूर्वज धन्ना शाह, समीर शाह, बंगाल शाह को दान में दी थी. काशीपुर नरेश की वर्ष 1819 की डीड उनके पास हैं. इसका मालिकाना वक्फ बोर्ड के पास कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि उन्हें सूचना मिल गई थी कि मजार के पास वक्फ बोर्ड के मालिकानें का बोर्ड लगाया जाना है.
जिन तत्वों ने यह योजना बनाई थी, उन्हें सही जानकारी मिल गई है. उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर यहां यह बोर्ड नहीं लगने दिया जायेगा. जबर्दस्ती करने पर महिलाओं को भी मैदान में उतारा जायेगा. उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी तत्व स्थानीय मोहरों को साथ लेकर यह खेल खेल रहे हैं. ताकि फूट डाल कर मजा ले सकें. स्थानीय मोहरे खुद ही खादिम बनना चाहते हैं. इसे लेकर उच्च न्यायालय में भी जाने की तैयारी चल रही है.

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