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स्वच्छ व हरित दुर्गापुर निर्माण के लिए सोमनाथ ने शुरू की साइकिल यात्रा

दुर्गापुर : दुर्गापुर को क्लीन और ग्रीन बनाने तथा प्लास्टिक व थर्मोकोल के प्रदूषण से शहर को मुक्त करने के उद्देश्य से प्लासडिहा व्यवसायी समिति ने जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. मंगलावर को समिति ने साइकिल सवार सोमनाथ राय को शहर के लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रवाना किया. मौके पर दुर्गापुर महकमा […]

दुर्गापुर : दुर्गापुर को क्लीन और ग्रीन बनाने तथा प्लास्टिक व थर्मोकोल के प्रदूषण से शहर को मुक्त करने के उद्देश्य से प्लासडिहा व्यवसायी समिति ने जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. मंगलावर को समिति ने साइकिल सवार सोमनाथ राय को शहर के लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रवाना किया. मौके पर दुर्गापुर महकमा शासक शंख सतारा, वार्ड पार्षद मानस राय, प्लासडिहा व्यवसायी समिति के शंकर अग्रवाल, दुर्गापुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव भोला भगत सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे. महकमा शासक ने झंडी दिखाकर उन्हें रवाना किया. बताया जाता है कि अगले चार दिनों तक सोमनाथ साइकिल से शहर के विभिन्न इलाके की परिक्रमा कर लोगों को प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से जागरूक करेंगे.
मौके पर उपस्थित महकमा शासक ने कहा कि बाज़ार से सामान उठाकर लाने की सहूलियत देने वाली पॉलीथिन हमारे पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है. किन्तु थोड़ी सी सहूलियत के लिये हम समूचे जीव जगत को खतरे में डाल रहे हैं. पॉलीथिन ऐसे रसायनों से बनाया जाता है, जो जमीन में 100 सैंकड़ों वर्ष तक गाड़ देने से भी नष्ट नहीं होता. सौ साल के पश्चात भी पॉलीथिन को जमीन से ज्यों का त्यों निकाला जा सकता है. पॉलीथिन पृथ्वी के स्वास्थ्य और हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालता है. पॉलीथिन पानी के रास्ते को अवरुद्ध करता है. खनिजों का रास्ता रोक लेता है अर्थात एक ऐसी रुकावट जो जीवन के सहज प्रवाह को रोक लेती है. पॉलीथिन जानलेवा है. यह जीवन के लिए ज़हर है. पॉलीथिन से निकलने वाली ज़हरीली गैसें हवा के साथ मिलकर उसे ज़हरीला बनाती हैं. पानी में फेंके जाने पर ये जलचक्र में बाधक होकर बादल बनने से रोकता है. पानी के जीवों के असमय मौत का कारण बनता है. खुले में पॉलिथीन का फेंका जाना और भी खतरनाक है. यह मिट्टी को भुरभुरी कर देता है और पशुओं की मौत का कारण भी पॉलीथिन ही बनता है.
मौके पर उपस्थित चेम्बर सचिव भोला भगत ने कहा की प्लास्टिक थैलियों का उपयोग वर्तमान में पर्यावरण की दृष्टि से सर्वथा घातक है. यह असाध्य रोगों को बढ़ाता है. इससे अनेक हानियां होने से इसे पर्यावरण का शत्रु भी कहा जाता है. प्लास्टिक उद्योगों को भले ही क्षणिक लाभ होता हो, परन्तु इनका असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ता है अतएव प्लास्टिक थैलियों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाना ही जनहित में जरूरी है. गौरतलब है की महकमा प्रशासन द्वारा दुर्गापुर चेम्बर के सहयोग से बीते 15 अप्रैल से महकमा इलाके में कम वजन वाले प्लास्टिक की थैलियो और थर्मोकोल के सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. परन्तु जागरूकता के अभाव में इसका उपयोग पूरी तरह से रूक नहीं पा रहा है.

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