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डीपीएल में 200 किलोवाट सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन, अगले 25 वर्षों तक परियोजना अपनी सेवा देगी
दुर्गापुर : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सपना हर किसी के लिए विधुत है.जिसे साकार करने के लिए राज्य में लगातार सौर ऊर्जा परियोजनाए तैयार की जा रही है. इसी क्रम में बुधबार को बिजली मंत्री शोभनदेवचट्टोपाध्याय ने दुर्गापुर परियोजना लिमिटेड में 200 किलोवाट सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया. इस दिन बिजली मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय […]
दुर्गापुर : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सपना हर किसी के लिए विधुत है.जिसे साकार करने के लिए राज्य में लगातार सौर ऊर्जा परियोजनाए तैयार की जा रही है. इसी क्रम में बुधबार को बिजली मंत्री शोभनदेवचट्टोपाध्याय ने दुर्गापुर परियोजना लिमिटेड में 200 किलोवाट सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन किया. इस दिन बिजली मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने पीडीसीएल के दो गेस्ट हाउसों का भी उद्घाटन किया और पौधारोपण भी किया.
2000 वर्ग फुट की सौर ऊर्जा परियोजना, के उद्घाटन पर पीडीसी अध्यक्ष शांतनु बसु, डीपीएल के प्रबंध निदेशक गौतम विश्वास, और अन्य अधिकारियों भी उपस्थित थे. उद्घाटन के बाद, मंत्री ने कहा कि राज्य अगले एक साल में 100-110 मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन करने में सक्षम होगा. थर्मल पावर के विकल्प के रूप में राज्य भर में सौर ऊर्जा उत्पादन प्रणाली लागू की जा रही है. एक मेगावाट इकाई के लिए लगभग 1/4 एकड़ जमीन की आवश्यकता है. जिसए देखते हुए पानी पर सौर ऊर्जा परियोजना को लगाया जा रहा है.
उन्होंने कहा की इन परियोजना के द्वारा राज्य में बिजली की कमी की पूरा कर लिया जायेगा. इससे राज्य हर जनता के पास आसानी से बिजली उपलब्ध हो जाएगी. बिजली की उपलब्धता को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने पीडीसीएल के अध्यक्ष सोलर पावर प्रोजेक्ट के शांतनु बसु की काफी प्रशंसा की. डीपीएल सौर ऊर्जा परियोजना के प्रबंध निदेशक डीपीएल उत्तम मुखर्जी ने कहा की इस परियोजना से 25 लाख रूपए की वार्षिक आय डीपीएल अर्जित करेगी.
अगले सात वर्षों में परियोजना के लिए मुख्य पैसा उठाया जाएगा. इस परियोजना 25 वर्षों तक अपनी सेवा देगी. ज्ञात हो की वर्ष 2013 में ही राज्य सरकार ने डीपीएल में 100 किलोवाट क्षमता के सौर विद्युत योजना स्थापित करने का निर्णय लिया था. जिसके लिए वर्ष 2014 के जनवरी माह में टेंडर हुआ था और सौर विद्युत योजना का काम शुरू हुआ. डीपीएल के वाटर वर्क्स विभाग के सामने तैयार किया गया है, राज्य सरकार की ओर से डीपीएल की स्थापना वर्ष 1960 में हुई थी, जहां वर्तमान में 300 एवं 250 मेगावाट की दो यूनिट चलती है. डीपीएल वर्तमान समय में काफी घाटे में चल रहा है. इस कारण डीपीएल को राज्य विद्युत उन्नयन निगम के अधीन करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है. बताया जाता है की इस परियोजना से संस्था के हालत में सुधार होने में काफी मदद मिलेगी.
परियोजना के निर्माण में 1,54,49,037 रुपया का खर्च
मिली जानकारी के अनुसार पहले चरण में दुर्गापुर प्रोजेक्ट लिमिटेड के जल सप्लाई विभाग के पास स्थित जमीन पर 2×100 किलोवाट क्षमता वाले ग्रिड संयुक्त सौर विद्युत परियोजना स्थापित करने का निर्णय लिया गया है.डब्लूबीआरईडीए और डीपीएल के संयुक्त तत्वावधान में इस परियोजना की स्थापना की गई है. उक्त परियोजना कोतैयार करने में कुल 1,54,49,037 रुपया खर्च किया गया है. जिसमें सौर विद्युत परियोजना के स्थापना व आगामी पांच वर्षों तक परियोजना के रखरखाव के लिए 1,20,96,656 रुपया तथा बुनियादी विकास के लिए 31,52,381 रूपये भी शामिल है.
परियोजना को तैयार करने में हुए खर्च भार संयुक्त रूप से पश्चिम बंगाल सरकार (70%) तथा भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय (30%) वहन कर रहा है. परियोजना पश्चिम बंगाल सरकार के विद्युत एवं ऊर्जा उत्पादन संस्था डब्लूबीआरईडीए के माध्यम से तैयार की गयी है. परियोजना में 250 वाट क्षमता सम्पन्न 800 टी सौर पैनल इस्तेमाल किया गया है. गौरतलब हो की सौर विद्युत परियोजना की क्षमता 200 किलोवाट व आनुमानिक वार्षिक ऊर्जा उत्पादन लक्ष्य मात्रा 2.6 लाख यूनिट है जो 390 तन कोयला का इस्तेमाल को काम करेगा एवं 215 टन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करेगा.
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