आसनसोल : वित्तीय संस्थान मुथूट फाइनेंस की आसनसोल कोर्ट मोड शाखा डकैती कांड में 14 दिन की पुलिस रिमांड में रहे ठाकुर नवरंग कुमार सिंह, राजीब सिंह उर्फ पुल्लू और शशांक सिंह को सीआईडी के अधिकारी शनिवार को बिहार लेकर गये. इधर जयपुर में गिरोह के सरगना सुबोध कांत सिंह से पीछताछ करने के लिए […]
आसनसोल : वित्तीय संस्थान मुथूट फाइनेंस की आसनसोल कोर्ट मोड शाखा डकैती कांड में 14 दिन की पुलिस रिमांड में रहे ठाकुर नवरंग कुमार सिंह, राजीब सिंह उर्फ पुल्लू और शशांक सिंह को सीआईडी के अधिकारी शनिवार को बिहार लेकर गये. इधर जयपुर में गिरोह के सरगना सुबोध कांत सिंह से पीछताछ करने के लिए अनुमति सीआईडी टीम ने ले ली है.
शीघ्र हीएक टीम जयपुर रवाना होगी. इधर हाजीपुर के इनके सहयोगी मनीष सिंह को गिरफ्तार करने और डकैती में लूटे गये स्वर्ण आभूषण बरामद करने की कोशिश होगी. बिहार पुलिस भी इनकी निशानदेही पर हथियार बरामद का प्रयास करेगी. आठ फरवरी को इनका रिमांड अवधि समाप्त होने पर दुर्गापुर पुलिस मणिपुरम गोल्ड लोन कंपनी में हुई डकैती कांड में इन्हें रिमांड पर लेने का प्रयास करेगी. इसके साथ ही कोलकाता पुलिस भी इन्हें रिमांड पर लेने की तैयारी में है.
सनद रहे कि मुथूट डकैती कांड मामले की जांच सीआईडी कर रहा है. प्रोडक्शन वारंट के आधार पर बेऊर जेल से आरोपियों को आसनसोल महकमा अदालत में पेश करने के बाद मामले के जांच अधिकारी सीआईडी के अवर निरीक्षक अरिजीत भट्टाचार्या ने आरोपियों के 14 दिन की पुलिस रिमांड की अपील की, जिसे अदालत ने मंजूर किया. जिसके उपरांत आरोपियों को एक रात के लिए हीरापुर थाना में रखा गया था. दूसरे दिन सुबह ही सीआईडी अधिकारी इन आरोपियों को अपने साथ लेकर कोलकाता चले गये. पिछले आठ दिनों से पूछताछ के बाद इनसे मिली जानकारी के आधार पर मामले में साक्ष्य मजबूत करने के लिए अन्य कुछ सबूतों की तलाश में आरोपियों को लेकर सीआईडी की टीम शनिवार बिहार रवाना हो गयी. बिहार जाने के क्र म में शुक्र वार रात को आरोपियों को लेकर हीरापुर थाना में आई थी.
सूत्नों के अनुसार आरोपियों से पूछताछ में जो बात सामने आई है, उसमें तीनों ने बताया कि मुथूट डकैती कांड को सिर्फ छह लोंगों ने ही मिलकर अंजाम दिया था. कांड का संयोजक पुल्लू सिंह है. हथियार, गाडी, पैसा मुहैया कराने के बाद सभी को पनाह देने का कार्य पुल्लू के जिम्मे था. लोकल लिंक की जानकारी अब तक नहीं मिल पायी है. इनका एक सहयोगी हाजीपुर का मनीष सिंह है,जो अब तक पकड़ा नहीं गया है. तीनों आरोपी सब कुछ की जानकारी के साथ सोना भी मनीष के पास होने की बात कही है. हालांकि पुलिस यह भी मान रही है जो नहीं पकड़ा जाता है, उसी को मत्थे सब कुछ मढ़ने की पुरानी चाल अपराधियों की होती है. लेकिन सीआईडी टीम छोटी से छोटी जानकारी को भी नहीं छोडना चाहती है और इनकी निशानदेही पर मनीष को पकडने के लिए बिहार रवाना हुयी है.
सीआईडी की टीम शीघ्र रवाना होगी जयपुर के लिए, सुबोध है पुलिस रिमांड में
सीआईडी रिमांड में रहे तीन आरोपियों को जांच अधिकारी ले कर निकले बिहार
इनके सहयोगी मनीष सिंह की गिरफ्तारी, लूटे स्वर्ण आभूषणों की होगी बरामदगी