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अतिक्रमण हटे गारूई का, नियमित हो सफाई

दो बार आयी बाढ़ से वार्ड 30 के गोपालडंगाल में भारी क्षति निवासियों ने नगर निगम, जिला प्रशासन से की समाधान की मांग आसनसोल : गारूई नदी में भारी बारिश के कारण बढ़े जल स्तर से रेलपार संलग्न इलाकों में आयी बाढ़ से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. बारिश के कारण गारूई […]

दो बार आयी बाढ़ से वार्ड 30 के गोपालडंगाल में भारी क्षति
निवासियों ने नगर निगम, जिला प्रशासन से की समाधान की मांग
आसनसोल : गारूई नदी में भारी बारिश के कारण बढ़े जल स्तर से रेलपार संलग्न इलाकों में आयी बाढ़ से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
बारिश के कारण गारूई नदी में जलस्तर बढ़ने से वार्ड संख्या 30 के गोपालडंगाल इलाके में बाढ की स्थिति बनने से स्थानीय निवासियों को घरों को छोड़ कर सुरक्षित स्थल पर आश्रय लेना पडा. कई घरों की दिवार टूट गयीं. इलाके में अचानक बढ़े जलस्तर से बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गो और बिमारों को दिक्कतों का सामना करना पडा. कई घरों के लोगों के घरों में नदी का पानी प्रवेश करने से सामान सहित लाखों रूपये की क्षति उठानी पडी.
गोपालडंगाल हनुमान मंदिर निवासी इंद्रदेव पंडित ने कहा कि वे विगत दस वर्षो से रह रहे हैं.बाढ़ में ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा, पहले कभी नहीं सोचा था. गारूई नदी में आयी बाढ़ से उनके घर में रखा अनाज, राशन, कपडे, बर्तन, गद्दा आदि नष्ट हो गये. मवेशियों के लिए रखा चारा पानी में बह गया. दस हजार रूपयों का नुकसान उठाना पडा. उन्होंने कहा कि गारूई नदी की नियमित सफाई और स्थानीय नालियों की सफाई से इन स्थितियों से बचा जा सकता है.
गोपालडंगाल निवासी शंकर पंडित ने कहा कि वे तीस वर्ष से अधिक समय से यहां सपरिवार रह रहे हैं. हल्की बारिश होने से गारूई नदी का पानी रेलपार के कई इलाकों में प्रवेश कर जाता है. पूरे इलाके में अफरा तफरी का माहौल रहता है. लोग अपने घरों को छोड़ कर परिचितों और पड़ोसियों के यहां आश्रय लेने को बाध्य होते हैं. सबसे ज्यादा बच्चों, महिलाओं और बिमार लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है.
इस बार गारूई नदी में दो बार बाढ़ आयी. घर में पानी प्रवेश करने से राशन, बर्तन, पलंग, बिस्तर, गददा, मिटटी के सामान, दिपावली के लिये बनाये गये दिपक, धुपदानी आदि नष्ट हो गये. 24 हजार रूपये की क्षति उठानी पडी. श्री पंडित ने कहा स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थायी समाधान किया जाना चाहिए.
बिनोद पंडित ने कहा कि वे बीस साल से गोपालडंगाल में रह रहे हैं. गारूई नदी का पानी प्रवेश करने से घर में रखा बिस्तर, पलंग, बर्तन, राशन, कई इलेक्ट्रोनिक सामान नष्ट हो गये.
घर की दिवार गिर जाने से कई लोग अप्रिय घटना का शिकार होने से बचे. बारिश के दौरान 40 हजार रूपये की क्षति हुई. उन्होंने कहा कि गारूई नदी की नियमित सफाई होनी चाहिए. नदी के किनारों पर हुए अवैध निर्माणों को मुक्त करना चाहिए.
स्थानीय गणोश दास ने कहा कि वे पिछले छह वर्ष से गोपालडंगाल में रह रहे हैं. बारिश के दौरान इलाके में पांच से छह फुट तक जलस्तर बढ़ जाता है. लोग घरों को छोड़ सुरक्षित स्थल पर आश्रय लेने को विवश हो जाते हैं. घर के बुजुर्ग लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
इस बार की बारिश में घर में रखा फर्निचर, लकडी, बर्तन, कपडे सब नष्ट हो गये. तीस हजार की क्षति हुई. उन्होंने कहा कि इलाके के ड्रेनों और नालियो की सफाई की जाये.
अरूण पंडित ने कहा कि इस बार की तरह स्थिति पहले कभी नहीं देखी. पिछले छह वर्षो से यहां सपरिवार रह रहे हैं. पहले कभी नहीं सोचा था कि इन स्थितियों में रहना पड़ेगा. घर में रखा अनाज, राशन, फर्निचर, पलंग, इलेक्ट्रोनिक सामान नष्ट हो गये. 12 हजार की क्षति हुई. गारूई नदी को चौड़ा करना होगा और नालियों की सफाई करनी होगी.

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