पंडाल के निर्माण के लिये बांस के अलावा काठ, प्लाइवुड का उपयोग
दुर्गापुर. दुर्गापूजा में अब चन्द रोज शेष रह गये हैं. पूजा आयोजक जोर-शोर से पंडाल निर्माण का कार्य कर रहे हैं. दुर्गापुर की सभी पूजा कमेटिया युद्धस्तर से आयोजन को अंतिम रूप दे रही हैं. दुर्गापुर की नामचीन पूजा कमेटियो में से एक सिटी सेंटर के अम्बुजा इलाके की उर्वशी सार्वजनिन दुर्गापूजा कमिटी ने इस वर्ष थीम आधािरत पंडाल का निर्माण िकया है.
कमेटी ने पंडाल निर्माण के लिए कवि रवीन्द्र के गीत खाचार पाखी, वोनेर पाखी यानि की पिंजड़े का पक्षी व वन का पक्षी को थीम बनाया है. पूजा कमिटी के लोगों का कहना है िक बीते 13 सालों से पूजा का आयोजन किया जा रहा है. कमिटी की ओर से हर वर्ष कुछ नया किया जाता रहा है. इस वर्ष खाचारपाखी, वोनेर पाखी की थीम को आगे रखकर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. पंडाल के निर्माण के लिये बांस के अलावा काठ, प्लाइवुड का विशेष उपयोग किया जा रहा है. पंडाल में कृित्रम रूप से जंगल बनाया गया है. वहां पक्षियों को कलरव करते दिखाया गया है.
दूसरी ओर, पिंजरे में बंद पक्षी के जीवन को भी दर्शाने की कोशिश की गई है. आयोजको की ओर से बताया गया िक बीते दो महीने से पंडाल परिसर में कारीगर दिन-रात एक कर कृत्रिम जंगल बना रहे हैं. थीम के आधार पर प्रतिमा का निर्माण भी किया गया है. साज सज्जा के लिये अलग तरह की लाइट्स की व्यवस्थ की गई है, जो दर्शनार्थियों को अलग अनुभव प्रदान करेगी. इस वर्ष बेहतरीन पूजा आयोजन का इनाम मिलना लगभग तय है.