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विजिलेंस जांच के बाद परीक्षा रद्द
डेढ़ वर्ष के बाद आखिरकार सीआइएल ने विभागीय स्तर पर गैर अधिकारी वर्ग से अधिकारी वर्ग में जाने की लिखित परीक्षा रद्द कर दिया. विभिन्न एजेंसियों की जांच में इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है. कई आवेदक कोर्ट में भी जा चुके हैं. आसनसोल : गैर अधिकारी से अधिकारी बनने के […]
डेढ़ वर्ष के बाद आखिरकार सीआइएल ने विभागीय स्तर पर गैर अधिकारी वर्ग से अधिकारी वर्ग में जाने की लिखित परीक्षा रद्द कर दिया. विभिन्न एजेंसियों की जांच में इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है. कई आवेदक कोर्ट में भी जा चुके हैं.
आसनसोल : गैर अधिकारी से अधिकारी बनने के लिए ली गयी लिखित परीक्षा को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) प्रबंधन ने रद्द कर दिया है. इस संबंध में कोल इंडिया के महाप्रबंधक (कार्मिक, बहाली) प्रवीण कुमार के हस्ताक्षर से अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है. इसके मुताबिक गैर अधिकारी से अधिकारी में पदोन्नति के लिए 17 जनवरी, 2016 को ली गयी लिखित परीक्षा को रद्द कर दी गयी है.
वहीं 2016 में आयोजित परीक्षा में शामिल होनेवाले आवेदकों को एक मौका देते हुए फिर से परीक्षा आयोजित की जायेगी. इसकी तिथि कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा कंपनी की वेबसाइट पर जल्द ही जारी की जायेगी. सनद रहे कि कोल इंडिया प्रबंधन ने गैर अधिकारी से अधिकारी संवर्ग में पदोन्नति देने के लिए विभागीय स्तर पर 13 संभाग के लिए रिक्तियां निकाली थी, जिसमें आवेदन करनेवाले विभागीय कर्मचारी लिखित परीक्षा देने के बाद रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे. ऐसे में परीक्षा रद्द होने से अभ्यार्थियों में असंतोष व्याप्त होगा.
अधिकारियों को यथावत रखने की कवायद
सूत्रों ने बताया कि कोल इंडिया में मौजूदा समय में अधिकारियों की संख्या करीब 17 हजार है. पद के अनुरूप पर्याप्त अधिकारी नहीं हैं. वहीं प्रत्येक माह अधिकारियों के रिटायर होने पर कई पद खाली हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में अधिकारियों की संख्या यथावत रखने के लिए प्रबंधन के स्तर से कर्मियों को विभागीय परीक्षा देकर गैर अधिकारी से अधिकारी बनने का मौका दिया गया था. ताकि अधिकारियों की संख्या में कोई कमी न हो.
धांधली की शिकायत पर रद्द हुई परीक्षा
कोल इंडिया में उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार बहाली में कंपनी के शिखर नेतृत्व को बड़े पैमाने पर अनियमितता कियेजाने की शिकायत मिली थी. लिखित परीक्षा के बाद पास कराने के लिए लेन-देन का भी आरोप लगा था. कुछ कर्मियों ने कोर्ट में भी मामला दर्ज कराया. इसके बाद मामला विजिलेंस के पास गया. विजिलेंस जांच में बहाली प्रक्रिया में अनियमितता पायी गयी. इसके आलोक में ही कोल इंडिया प्रबंधन ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया है. लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार प्रबंधन ने डेढ़ वर्ष बाद यह निर्णय क्यों लिया? जबकि कोल इंडिया के कार्मिक निदेशक आर मोहनदास की बर्खास्तगी के बाद से ही यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि बहाली रद्द की जा सकती है.
56 अधिकारी प्रोन्नति पाकर बने उप प्रबंधक
कोल इंडिया प्रबंधन ने विभिन्न संकाय के 56 अधिकारियों को प्रमोशन देकर सहायक प्रबंधक से उप प्रबंधक बनाया है. इस दिशआ में कोल इंडिया के महाप्रबंधक (कार्मिक) टीपी साव के हस्ताक्षर से अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है. इसके मुताबिक कोल इंडिया की सहायक कंपनी में पदस्थ अधिकारियों को ई-तीन से ई-चार में प्रमोशन देकर उप प्रबंधक बनाया गया है. इनमें 17 कार्मिक, इएंडएम के तीन, दो सिविल, सात एक्सवेशन, 19 सव्रे, तीन वित्तीय, दो एमएम, दो मार्केटिंग एंज सेल्स तथा एक सिस्टम के अधिकारी को प्रमोशन मिली है.
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