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क्या आम जनता भुगतेगी सत्ता के टकराव का परिणाम
पहाड़ के हालात पर केंद्र व राज्य की भूमिका से हाइकोर्ट नाराज पहाड़ पर बंद जारी है और किसी को कई फिक्र नहीं सरकारें अपना काम ठीक तरीकें से करें तो हरेक मामला सुलझ जायेगा आगामी शुक्रवार को केंद्र व राज्य सरकार से मांगा हलफनामा कोलकाता : पहाड़ बंद मामले में केंद्र एवं राज्य सरकार […]
पहाड़ के हालात पर केंद्र व राज्य की भूमिका से हाइकोर्ट नाराज
पहाड़ पर बंद जारी है और किसी को कई फिक्र नहीं
सरकारें अपना काम ठीक तरीकें से करें तो हरेक मामला सुलझ जायेगा
आगामी शुक्रवार को केंद्र व राज्य सरकार से मांगा हलफनामा
कोलकाता : पहाड़ बंद मामले में केंद्र एवं राज्य सरकार की भूमिका पर कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे और न्यायाधीश तपोव्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने नाराजगी जतायी है.
इस संबंध में अगले शुक्रवार को केंद्र एवं राज्य सरकार को हलफनामा देना होगा. पहाड़ की ऐसी स्थिति में केंद्र क्यों अधिक बल नहीं भेज रहा या बल को क्यों नहीं बदल रहा. इसपर केंद्र को हलफनामा देना होगा. राज्य के पास कितना बल है व इस संबंध में उनकी भूमिका पर राज्य सरकार को हलफनामा देना होगा. मंगलवार को सुनवाई में अदालत ने टिप्पणी की कि यह क्या चल रहा है? बंद जारी है और किसी को फिक्र नही है?
केंद्र का कहना है कि अतिरिक्त बल तैनात नहीं किया जा सकता क्योंकि हालात के लिए पर्याप्त बल है. पहाड़ में समन्वय का अभाव है. खंडपीठ का कहना था कि केंद्र व राज्य में सत्ताधारी दल अलग-अलग हैं, तो क्या इसलिए लोगों को भुगतना होगा? यदि सरकारें अपना काम ठीक तरीके से करें तो हर मामला सुलझ जायेगा. लोग भुगत रहे हैं, मर रहे हैं. दोनों ही सरकारों को एकसाथ काम करना होगा. मामले में सीबीआइ को पार्टी बनाया जायेगा. उल्लेखनीय है कि पहाड़ बंद को लेकर रमाप्रसाद सरकार ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.
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