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घाघरबुड़ी मंदिर परिसर में बने बंधक

निराश होकर बिन ब्याह के लौट रहे दोनों पक्षों को बंद किया कमरे में कांग्रेसी पार्षद अभिजीत आचार्या ने किया राशि का भुगतान, हुआ ब्याह इस तरह की घटनाएं घटती थी अस्पतालों में, मंदिर परिसर भी हुआ शर्मसार आसनसोल. अभी तक अस्पतालों में मरीजों के बकाया बिल न चुकाने पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज को […]

निराश होकर बिन ब्याह के लौट रहे दोनों पक्षों को बंद किया कमरे में
कांग्रेसी पार्षद अभिजीत आचार्या ने किया राशि का भुगतान, हुआ ब्याह
इस तरह की घटनाएं घटती थी अस्पतालों में, मंदिर परिसर भी हुआ शर्मसार
आसनसोल. अभी तक अस्पतालों में मरीजों के बकाया बिल न चुकाने पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज को या फिर मरीज के शव को बंधक बनाने की घटनाएं सामने आती है.
लेकिन आसनसोल शहर में आस्था के सबसे बड़े केंद्र घाघरबुड़ी मंदिर परिसर में विवाह रचाने आये आसनसोल वेस्ट अपकार गार्डेन निवासी तापस सरकार और सुमना धमितकान्ये को मंदिर के पुजारी ने दो हजार रूपये दक्षिणा की मांग पूरी न करने पर एक कमरे में मंगलवार को बंद कर दिया. कपड़े की दुकान के कर्मी रहे सुमना के पिता लक्ष्मीकांत धमितकान्ये ने कांग्रेसी नेताओं से मदद की गुहार लगायी. पार्षद अभिजीत आचार्या व उनके सहयोगियों की पहल पर दो हजार रुपये की व्यवस्था कर पुजारी को भुगतान किया गया. इसके बाद विवाह संपन्न हुआ. पार्षद श्री आचार्या ने कहा कि यह घटना समाज को शर्मसार करनेवाली है. हालांकि इस मामले की शिकायत प्रशासन, स्थानीय थाने या मेयर जितेन्द्र तिवारी से नहीं की गयी. सभी ने कहा कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई जरूर की जाती.
क्या है पूरा मामला
दुल्हन के पिता तथा वेस्ट अपकार गार्डेन निवासी लक्ष्मीकांत ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी अपने मोहल्ले के निवासी तापस सरकार से तय की थी. दोनों पक्षों के परिजनों की सहमति से मंगलवार को घाघरबुड़ी मंदिर परिसर में शादी करने का निर्णय लिया गया था.
दोनों पक्षों के लोग सही समय पर मंदिर परिसर में पहुंच गये. इसके बाद शादी के लिए मंदिर के पुजारी से संपर्क किया गया. पुजारी ने शादी कराने के लिए दो हजार रूपये की मांग रखी. यह राशि अधिक होने के कारण दोनों पक्षों ने इसके भुगतान में असमर्थता जतायी. इसके बाद उन्होंने मंदिर परिसर में शादी करने से इंकार करते हुए वापस लौटने का निर्णय लिया. उनका आरोप है कि पुजारी ने बिना दक्षिणा भुगतान के उन्हें वापस लौटने से रोक दिया. उन्हें मंदिर के निकट ही एक कमरे में बंधक बना लिया गया.
असहाय पिता ने लगायी मदद की गुहार
दोनों पक्षों के बंधक बनने तथा पुजारी के कड़ेरूख को देखते हुए लक्ष्मीकांत ने इसकी सूचना कांग्रेस पार्षद अभिजीत आचार्या, पार्टी नेता शाह आलम, प्रसन्नजीत पुईंतुंड़ी आदि को दी तथा मदद की अपील की. सभी नेता घाघरबुड़ी मंदिर पहुंचे तथा पूरे मामले की जानकारी ली.
श्री आचार्या, श्री आलम और श्री पूईतंडी ने सुमना को अपनी बहन मान कर दो हजार रूपये दक्षिणा स्वरूप लक्ष्मीकांत के हाथों में दी और शादी की प्रक्रिया शुरू कराने को कहा. हालांकि काली पहाड़ी धर्म चक्र सेवा समिति के सह सचिव रूपेश साव भी कमेटी सदस्यों के साथ पहुंचे और मंदिर पुजारियों से आग्रह कर पांच सौ रूपये दक्षिणा लेकर शादी कराने पर सहमति बनायी. कमेटी सदस्यों की उपस्थिति में ब्याह संपन्न हुआ. दोनों पक्षों ने राहत की सांस ली.
घटना को शर्मनाक बताया पार्षद ने
पार्षद श्री आचार्या ने कहा कि उनके परिचित ने उन्हें फोन कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. जिसके बाद वे अपने पार्टी कर्मियों के साथ मंदिर प्रांगण पहुंचे. रूपये की मांग पर जरूरतमंद परिवार की शादी में बाधा दिये जाने की घटना को दु:खद बताते हुए कहा कि ऐसी घटना समाज को शर्मसार करती है. उन्होंने कहा कि समाज के हर तबके के प्रतिनिधियों को ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सक्रिय होना चाहिए.
पुजारी ने दिया स्पष्टीकरण, बंधक से इंकार
मंदिर के पुजारी पंडित चित्तरंजन तिवारी ने कहा कि दो हजार रुपये दक्षिणा की मांग के लिए बंधक बनाने का आरोप गलत है. शादी के लिए आये लोगों से प्रमाण पत्र मांगे गये थे. पेश कागजात में कुछ गड़बड़ी थी, इसी कारण उन्हें रोका गया था. दूसरी ओर काली पहाड़ी धर्म चक्र सेवा समिति के सह सचिव श्री साव ने भी पुजारी श्री तिवारी का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि कई लड़के-लड़कियां घर से भाग कर दो चार दोस्तों और पहचान वालों के साथ मंदिर आकर ब्याह करते हैं.
बाद में पुलिस अधिकारी कमेटी और पुजारियों से पूछताछ करती है कि किस आधार पर ब्याह कराया गया. लड़का और लड़की के उपनाम में विभिन्नता होने के कारण अतिरिक्त पूछताछ की गयी. उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को हर स्तर से मदद की जाती है. इस शादी में भी वर व वधू पक्ष के परिजनों के रहने के लिए दिये गये कमरे का कोई किराया नहीं लिया गया. हालांकि स्थानीय निवासियों ने कहा कि शादी करने आये लोगों से दक्षिणा के नाम पर मनमानी राशि की वसूली होती है. न देने वालों के साथ र्दुव्‍यवहार किया जाता है.
स्थानीय थानेदार को मामले की सूचना नहीं
आसनसोल साउथ थाना प्रभारी मनोरंजन मंडल ने बताया कि इस घटना के बारे में कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है. इस तरह की घटनाओं को लेकर आसनसोल नगर निगम प्रशासन और महकमाशासक से शिकायत दर्ज की जानी चाहिए. मेयर जितेंद्र तिवारी ने ऐसे किसी घटना की जानकारी से इंकार किया है.

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