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रेलपार में बाढ़ रोकने को निगम प्रशासन रेस

आसनसोल : रेलपार संलग्न इलाकों में बर्षा के दौरान गारूई नदी के जल स्तर में बढ़ने से नदी किनारे रहने वालों लोगों की परेशानियों के स्थायी समाधान के लिए निगम स्तर से दो करोड़ रुपये की लागत से गारूई नदी की सफाई की जायेगी और किनारों को पत्थरों से बांधा जायेगा. अधीक्षण अभियंता सुकमल मंडल […]

आसनसोल : रेलपार संलग्न इलाकों में बर्षा के दौरान गारूई नदी के जल स्तर में बढ़ने से नदी किनारे रहने वालों लोगों की परेशानियों के स्थायी समाधान के लिए निगम स्तर से दो करोड़ रुपये की लागत से गारूई नदी की सफाई की जायेगी और किनारों को पत्थरों से बांधा जायेगा. अधीक्षण अभियंता सुकमल मंडल ने कहा कि हर साल वर्षा ऋतु में रेलपार के गारूई नदी के निकटवर्ती इलाकों में बाढ़ की सी स्थिति देखने को मिलती है.
नदी के किनारे के मकान व दुकान जलमग्न हो जाते हैं. लोगों को दूसरे के घरों, सामुदायिक भवनों में शरण लेनी पड़ती है. ज्ञात हो कि वर्षा ऋतु के दौरान गारूइ नदी के किनारे के वार्ड संख्या 25 के हाजी नगर, नूरानी मसजिद, शितला नदीपार, वार्ड संख्या 27 के साउथ धदका, रामकिशन डंगाल, शिव लाल डंगाल, पंजाबी मोहल्ला, मागाराम ब्रिज, वार्ड संख्या 28 के जहांगीरी मोहल्ला, हाजी नगर, बालू मैदान, भिष्टी मोहल्ला, वार्ड संख्या 29 के तरी मोहल्ला, वार्ड संख्या 30 के डीपो पाडा, पुराने स्टेशन, रेल के दोमहानी कॉलोनी संलग्न इलाकों में पानी लोगों के घरों और दुकानों में प्रवेश कर जाता है.
लोग अपने जान माल लेकर घरों को खाली कर निकटवर्ती उपरी स्थानों या परिचितों के यहां सर छिपाने चले जदाते हैं. श्री मंडल ने बताया कि समस्या के स्थायी समाधान को लेकर मेयर जितेंद्र तिवारी के निर्देश पर कमेटी गठित की गयी है. कमेटी के संयोजक चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, मेयर परिषद सदस्य (क्रीडा एवं संस्कृति) अभिजीत घटक, बोरो चेयरमैन गुलाम सरवर, पार्षद वशीमुल हक सदस्य बनाये गये हैं.
कमेटी सदस्यों ने सेंट्रम मॉल से रामकिशन डंगाल, तरी मोहल्ला, शिवलाल डंगाल, मंगल सेतू पुल, रेलवे दोमहानी कॉलोनी तक गारूई नदी का मुआयना कर रिपोर्ट बनायी है. उन्होंने बताया कि कमेटी सदस्यों की रिपोर्ट में गारूई नदी के जल स्तर में वृद्धि का कारण उसके किनारों पर अवैध कब्जा कर मकान और दुकान निर्माण करना और किनारे रह रहे लोगों द्वारा घर का कचडा, कपडे, कूडा कर्कट गारूई नदी में फेंकना है. नदी की तलहटी में कचडे का अंबार जमा पड़ा है.
जिस कारण नदी में जल को रोकने की क्षमता नहीं रह गयी है. नतीजतन थोडी सी बारीश होते ही गारूई नदी में जल स्तर बढ़ जाता है और अतिरिक्त जल बह कर किनारे रह रहे लोगों के घरों, दुकानों में जा पहुंचता है. श्री मंडल ने कहा कि इस के स्थायी समाधान को लेकर दो करोड़ रुपये का डीपीआर बनाया गया है. नगर निगम के सर्वेयर और बीएलआरओ के सर्वेयर संयुक्त रूप से मिल कर नक्शे के अनुसार नदी के वास्तविक विस्तार को चिंहित करेंगे. नदी के किनारे पाये जाने वाले मकान, दुकान और अवैध निर्माणों को मेयर के निर्णयानुसार खाली कराया जायेगा. इस संबंध में मेयर श्री तिवारी के अध्यक्षता में बैठक की जायेगी. जिसमें निगम आयुक्त खुर्शीद अली कादरी, रेलपार के पार्षद, निगम के इंजीनियर, बीएलआरओ के अधिकारी और निगम के सर्वेयर शामिल होंगे.
सेंट्रम मॉल से लेकर हाजी नगर, नूरानी मसजिद, शितला नदी पार , साउथ धदका, रामकिशन डंगाल, शिव लाल डंगाल, पंजाबी मोहल्ला, मागाराम ब्रिज, जहांगीरी मोहल्ला, हाजी नगर, बालू मैदान, भिष्टी मोहल्ला, तरी मोहल्ला, डीपो पाडा, पुराने स्टेशन, रेल के दोमहानी कॉलोनी तक गारूई नदी की तली की पूरी तरह सफाई की जायेगी.
गारूई नदी के दोनों और चिंहित किये गये स्थान तक किनारों पर पत्थरों को जाली से फैलाया जायेगा ताकि नदी के किनारे की गंदगी वापस नदी में न मिल जाये. उन्होंने कहा लंबी प्रक्रिया है जिसमें समय लगेगा.

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