कोलकाता: करीब छह साल के अंतराल के बाद गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) के प्रमुख सुभाष घीसिंग बुधवार को दार्जिलिंग हिल्स लौट आये और दावा किया कि गोरखा जनमुक्ति मोरचा (जीजेएम) समर्थित भाजपा उम्मीदवार एसएस अहलूवालिया को मात देने के लिए राजनीतिक पार्टियां उनका समर्थन मांग रही हैं. श्री घीसिंग ने दावा किया कि तृणमूल और माकपा जैसी कई राजनीतिक पार्टियों ने उनसे समर्थन मांगा है
. उन्होंने फिलहाल इस पर कुछ भी फैसला नहीं किया है. जीएनएलएफ नेतृत्व अंतिम फैसला करेगा. गौरतलब है कि 1980 के दशक में अलग गोरखालैंड राज्य का मुद्दा उठानेवाले श्री घीसिंग दार्जिलिंग में कभी सबसे ज्यादा प्रभावशाली नेता हुआ करते थे.
बाद में उन्होंने अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया. उनके करीबी सहयोगियों में से एक रहे गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग ने 2008 में उन्हें दार्जिलिंग हिल्स छोड़ कर जाने को मजबूर कर दिया था. श्री घीसिंग के जाने के बाद जीएनएलएफ की जगह गोजमुमो ने ले ली थी. लोकसभा चुनाव के लिए मोरचा ने भाजपा से गंठजोड़ किया है. मोरचा ने दार्जिलिंग सीट से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार बाइचुंग भूटिया का समर्थन करने से इनकार कर दिया है.