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बांग्लाभाषियों में बढ़ रहा हृदय रोग,डॉक्टरों ने चिंता जतायी

कोलकाता: हृदय रोग विशेषज्ञों ने पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश में हृदय रोग के बढ़ते मामलों पर चिंता जतायी है. हाल में हुए एक शोध के अनुसार बांग्लादेश में वर्ष 1986 से 2006 के बीच हृदय रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी. 1986 में प्रति एक लाख में से जहां केवल 16 लोग हृदय रोग के […]

कोलकाता: हृदय रोग विशेषज्ञों ने पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश में हृदय रोग के बढ़ते मामलों पर चिंता जतायी है. हाल में हुए एक शोध के अनुसार बांग्लादेश में वर्ष 1986 से 2006 के बीच हृदय रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी.

1986 में प्रति एक लाख में से जहां केवल 16 लोग हृदय रोग के कारण मरे, वहीं 2006 में यह संख्या बढ़ कर 480 हो गयी. पुरुषों की तुलना में महिलाएं हृदय रोग की अधिक शिकार हो रहे हैं. दुनिया के विभिन्न देशों में फैले हृदय रोग विशेषज्ञों की संस्था बांग्ला इंटरवेंशनल थेराप्यूटिक्स (बीआइटी) के चौथे वार्षिक सम्मेलन में दुनिया भर से आये हृदय रोग विशेषज्ञों ने न केवल चिंता व्यक्त की, बल्कि बढ़ रहे हृदय रोग के खतरे का कारण पता लगाने के लिए शोध पर भी जोर दिया.

बीआइटी बंगाल के विख्यात कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉ रबीन चक्रवर्ती व बांग्लादेश के ढाका के प्रोफेसर डॉ अफजलुर रहमान के दिमाग की यह सोच है. इस पहल को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना मिली है. उनका मानना है कि हृदय रोग का बंगाल व बांग्लादेश के बीच जरूर कोई सजातीय संबंध है. शांतिनिकेतन में हुए बीआइटी के चौथे वार्षिक सम्मेलन में भारत, बांग्लादेश, नेपाल, अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस समेत दुनिया भर से लगभग 400 बंगाल व बांग्लादेश के हृदय रोग विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और अपने अनुभवों को साझा किया.

सम्मेलन का उदघाटन विश्वभारती के उपकुलपति पद्मश्री प्रोफेसर डॉ सुशांत दत्तगुप्ता ने किया. मौके पर कलकत्ता विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर डॉ सुरंजन दास भी मौजूद थे. तीन दिन तक चले बांग्ला इंटरवेंशनल थेराप्यूटिक्स के इस वार्षिक सम्मेलन में कई हृदय रोग, उनके इलाज के तरीके, एंजियोप्लास्टी, डायबिटिज आदि पर विचार-विमर्श किया गया. डॉक्टरों ने दिल की बीमारी के उपचार के नये तरीके व ट्रेनिंग कोर्स पर भी बातचीत की. बांग्ला इंटरवेंशनल थेराप्यूटिक्स ने इस क्षेत्र को हृदय रोग पर नियंत्रण पाने व उनके इलाज के लिए बेहतरीन मॉडल तैयार करने का आश्वासन दिया है. बीआइटी का पहला सम्मेलन 2011 में ढाका में हुआ था, दूसरा सम्मेलन कोलकाता में व तीसरा सम्मेलन फिर से ढाका में आयोजित हुआ था.

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