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अवैध पटाखों ने ली अब तक 11 लोगों की जान
अवैध पटाखों से अभी तक लगभग 11 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इनमें से अधिकतर दोषियों को अभी तक सजा नहीं मिली है. हालांकि काली पूजा के पहले पुलिस अवैध पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है, लेकिन इसके बावजूद महानगर के विभिन्न इलाकों में अभी भी अवैध पटाखे मिल रहे हैं. […]
अवैध पटाखों से अभी तक लगभग 11 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इनमें से अधिकतर दोषियों को अभी तक सजा नहीं मिली है. हालांकि काली पूजा के पहले पुलिस अवैध पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है, लेकिन इसके बावजूद महानगर के विभिन्न इलाकों में अभी भी अवैध पटाखे मिल रहे हैं.
31 अक्तूबर, 1997 को श्रीरामपुर में दीपक दास की मौत, प्रमाण के अभाव में दोषी बेकसूर रिहा 25 अक्तूबर, 2003 में कैनिंग के रंजित नस्कर की मौत, दोषी को आजीवन कारावास की सजा
9 नवंबर, 2007 को पुरुलिया में सुबोध महतो की मौत, मामला विचाराधीन
6 अक्तूबर, 2010 को गाइघाटा के प्रदीप राय की मौत, मामला विचाराधीन
7 अक्तूबर, 2010 को बीजपुर के वकुल अधिकारी की मौत, मामला विचाराधीन
28 मई, 2011 को हल्दिया के मनमोहन अधिकारी की मौत, मामला विचाराधीन
13 नवंबर, 2012 को महेशतला के पीयूश कांति सरकार की मौत, मामला विचाराधीन
3 नवंबर 2013 को अशोकनगर के पिंटू विश्वास की मौत, दो को आजीवन कारावास, बाकी फरार
12 सितंबर, 2015 को झाड़ग्राम में दुर्लभ महतो की मौत, मामला विचाराधीन
29 अप्रैल, 2016 को फरक्का के मतिन मंडल की मौत, मामला विचाराधीन
28 अगस्त, 2016 को विजयगढ़ के पूर्णिमा मैत्र की मौत आरोपी की गिरफ्तारी नहीं
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