कोलकाता/सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी पुलिस ने 70 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में मालदा के जिलाधिकारी गोदाला किरण कुमार को गिरफ्तार किया है. शनिवार को जिलाधिकारी को सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
डीएम जी. किरण कुमार की गिरफ्तारी के पहले सिलीगुड़ी कमिश्नरेट की खुफिया विभाग ने करीब सात घंटे तक उनसे पूछताछ की. उनके जवाब से असंतुष्ट होकर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उधर, डीएम की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर के जयरमण को हटा दिया. सरकार का कहना है कि मामले में उसे अंधेरे में रखा गया. उत्तर बंगाल के आइजी शशि कांत पुजारी को सिलीगुड़ी का पुलिस कमिश्नर बनाया गया है.
क्या है मामला
गौरतलब है कि मालदा जिले का डीएम बनने से पहले जी किरण कुमार सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइओ) थे. उनके सीइओ रहने के दौरान एसजेडीए में करीब 70 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था. उस क्षेत्र में स्थित श्मशान घाट में इलेक्ट्रिक शव दाह मशीन लगाने के लिए सरकार ने पैसे जारी किये, लेकिन अब तक श्मशान में इलेक्ट्रिक चूल्हा नहीं लग पाया है. इसके अलावा सिलीगुड़ी में बनने वाले सेज में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए भी खातों में राशि का खर्च दिखाया गया है, लेकिन कैमरे लगे ही नहीं. इसके साथ ही कई कार्यो के लिए जिस कीमत के लिए निविदा बुलायी गयी थी, ठेकेदारों को उसकी दोगुनी राशि पर निविदा प्रदान की गयी.
डीएम पर नौ केस
सिलीगुड़ी कमिश्नरेट से मिली जानकारी के अनुसार, जी किरण कुमार के खिलाफ कुल नौ मामले दर्ज किये गये हैं और कुल मिलाकर करीब 70-80 करोड़ रुपये का घोटाला बताया जा रहा है. उनके खिलाफ प्रधाननगर थाने में आइपीसी की धारा 120 बी, 409, 467, 468, 471 व 477ए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
वहीं, गोदाला किरण कुमार ने खुद को निदरेष बताया है. उनका कहना है कि सीजेडीए के तत्कालीन चेयरमैन रुद्र नाथ भट्टाचार्य ने ही निविदाओं के लिए राशि का भुगतान किया है. सीसीटीवी कैमरे के लिए दी गयी राशि की जानकारी तक उनके पास नहीं है. सिलीगुड़ी अदालत में पुलिस ने डीएम की 10 दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की थी, लेकिन डीएम के वकील अत्रि देव शर्मा ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और पुलिस उनके पहले ही लंबे समय तक पूछताछ कर चुकी है, इसके बाद अदालत ने उन्हें चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि सीजेडीए में घोटाला सामने आने के बाद इसके चेयरमैन रुद्र नाथ भट्टाचार्य को पद से हटा दिया गया था और उनकी जगह पर उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव को सीजेडीए का चेयरमैन बनाया गया है. इसके साथ ही इस मामले में पहले भी कई ठेकेदारों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो अभी भी जेल हिरासत में हैं.