कोलकाता : कोलकाता नगर निगम में नित-नये घोटाले सामने आ रहे हैं. ट्राइडेंट लाइट व टोकन घोटाले के बाद अब निगम मुख्यालय में तेल घोटाले की गूंज सुनायी देने लगी है.
निगम की गाड़ियों में इस्तेमाल होनेवाले डीजल व पेट्रोल इत्यादि के खर्च में हुई अनियमितता की ओर किसी विपक्षी दल ने उंगली नहीं उठायी है, बल्कि निगम के इंटरनल ऑडिट रिपोर्ट में इस घोटाले को चिन्हित किया गया है. घोटाला कई करोड़ रुपये का है. 2012-13 की इंटरनल ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार वाहनों में डीजल व पेट्रोल भरने के हिसाब में गड़बड़ी की गयी है.
निगम के सेंट्रल गैरेज के हिसाब-किताब के कागजात तक नहीं मिल रहे हैं. ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, निगम के इस्तेमाल के बगैर ही कई लाख रुपये के डीजल व पेट्रोल जला डाले गये हैं. केवल सितंबर 2012 में ही डीजल व पेट्रोल पर निगम के 53 लाख 53 हजार रुपये खर्च हुए हैं.
एक ही गाड़ी में दिन में कई बार डीजल भरने का खर्च दिखाया गया है. टैंक की क्षमता से अधिक डीजल रखने की बात हिसाब में कही गयी है. निगम के सेंट्रल गैरेज में 15 हजार लीटर पेट्रोल व डीजल रखने की क्षमता है. पर, खर्च 16 हजार लीटर का दिखाया गया है. बगैर मंजूरी के भी गाड़ियों में तेल डाला गया है.निगम के इस्तेमाल में आनेवाले वाहनों के अलावा अन्य वाहनों में भी तेल दिये जाने की बात सामने आयी है.