शताब्दी राय और तापस पाल को मिली माफी
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी के बागी सांसद कुणाल घोष को निलंबित कर दिया. उद्योग मंत्री व तृणमूल अनुशासन समिति के संयोजक पार्थ चटर्जी ने राज्यसभा सांसद कुणाल घोष के निलंबन की घोषणा की.
संवाददाता सम्मेलन में चटर्जी ने कहा कि कुणाल घोष के अलावा सांसद शताब्दी राय व सांसद तापस पाल को भी कारण बताओ नोटिस पार्टी की ओर से जारी किया गया था. शो कॉज के जवाब में तापस पाल व शताब्दी राय ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को पत्र लिखकर माफी मांगी. पत्र में दोनों ने लिखा है कि वह अपने व्यवहार के लिए शर्मिदा हैं और भविष्य में ऐसी गलती वह दोबारा नहीं करेंगे.
लेकिन कुणाल घोष ने कारण बताओ नोटिस जारी किये जाने के बावजूद पार्टी की छवि को धूमिल करना जारी रखा. पार्टी की नीतियों व आदर्शो के खिलाफ उन्होंने अपनी बयानबाजी को जारी रखा.
उन्होंने एक के बाद एक टिप्पणियां की. लिहाजा अनुशासन समिति ने 27 सितंबर को बैठक की और सर्वसम्मति से कुणाल घोष को निलंबित करने का फैसला किया. अगले फैसले या निर्देश तक कुणाल घोष निलंबित रहेंगे.
क्या है मामला
गत शुक्रवार यानी 20 सितंबर को रक्तदान शिविर के एक कार्यक्रम में कुणाल घोष, शताब्दी राय और तापस पाल ने पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कथित पार्टी विरोधी बयान दिया था. उनका कहना था कि तृणमूल के लिए जिन लोगों ने बलिदान दिया उनकी उपेक्षा की जा रही है. कुणाल घोष ने कहा था कि सारधा मामले में उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
वह कंपनी के केवल एक कर्मचारी थे और कंपनी के चिटफंड कारोबार से उनका कोई नाता नहीं था. इस कार्यक्रम के बाद से तापस पाल व शताब्दी राय ने तो फिर कोई बयान नहीं दिया लेकिन कुणाल घोष ने बागी तेवर जारी रखा. उनका कहना था कि उनकी जान को खतरा है. अपने बयान की वीडियो रिकॉर्डिग बनाकर उन्होंने अपने दोस्तों के पास रख दी है. उन पर आंच आने से वह बयान सार्वजनिक किया जायेगा.
क्या कहा कुणाल घोष ने
पार्टी से निलंबित किये जाने के बाद कुणाल घोष ने कहा है कि उन्हें बगैर किसी ट्रायल (सुनवाई) के ही दंडित किया गया है. उन्हें कारण बताओ नोटिस मिला ही नहीं. इस बारे में उन्हें मीडिया से ही जानकारी मिली है. हालांकि वह अभी भी ममता बनर्जी को ही अपना नेता मानते हैं. वह पार्टी का अपमान नहीं करते.
सोमेन मित्र की प्रतिक्रिया
तृणमूल सांसद सोमेन मित्र ने कहा कि अपराधियों को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है. इस बारे में वह तभी प्रतिक्रिया दे सकते हैं जब वह निलंबन का पत्र देखेंगे. पार्टी यदि कहती है कि अनुशासन सर्वोपरि है तो इसे कोई नकार नहीं रहा.
– कुणाल ने कहा–सुनवाई का मौका नहीं मिला
कांग्रेस में आ सकते हैं तृणमूल के बागी सांसद: अबु
मालदा (पश्चिम बंगाल) : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अबु हासेम खान चौधरी ने शनिवार को दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के बागी सांसदों ने कांग्रेस से बातचीत की है और वे नवंबर में पार्टी में शामिल हो सकते हैं.
मंत्री ने कहा कि वरिष्ठ सांसद सोमन मित्र के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस से नाराज चल रहे करीब आठ से 10 सांसदों ने कांग्रेस से बातचीत की है. खान चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नवंबर में दीपावली के बाद अच्छी खबर आ सकती है.
पार्टी के तानाशाही अंदाज में क्रियाकलापों से कई लोग नाखुश हैं और वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में गये कई सांसदों को पछतावा है कि उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को गलत समझा. इनमें से कई अपने मूल दल में लौटना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस में कोई लोकतांत्रिक क्रियाकलाप नहीं हैं. जो अपने मन से बोलना चाहते हैं, उन पर निशाना साधा जाता है क्योंकि पार्टी तुच्छ राजनीति से ऊपर नहीं उठ सकी है और लोगों के आपसी रिश्तों में विश्वास नहीं करती.
मंत्री ने कहा कि पार्टी प्रमुख कुछ खास लोगों की सलाह पर काम करती हैं जिसके कारण कई सांसदों का पार्टी से मोह भंग हो गया है.